हरियाणा राज्य में गो पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने नए प्रयोगों के चलते जल्द ही कामधेनु विश्वविद्यालय खोलने का फैसला किया है। विवि में शुरूआत में गो पालन का डिप्लोमा करवाया जाएगा और बाद में डिग्री कोर्स की शुरूआत करने की योजना है। वहीं सरकार प्रत्येक गाय पालक को बायोगैस प्लांट लगाने के लिए अनुदान देने पर भी विचार कर रही है। प्लांट लगाने के पीछे गायों के गोबर और मूत्र का बखूबी इस्तेमाल करने की सोच है। ऐसा करने से गोवंश तो बचेगा ही लेकिन रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। गौरतलब है कि प्रदेश में 18 लाख गोवंश हैं जिसमें 8.25 लाख देसी गाय हैं। लगभग 3.25 लाख गाय राज्य की 430 गौशालाओं में हैं] बाकी गोवंश लोगों के घरों मंे है। लगभग 1.5 लाख गाय ऐसी हैं जिन्हें सड़कों पर आवार घूमते हुए देखा जा सकता है।
गोसेवा आयोग ने गायों के संरक्षण और गो पालन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष रिपोर्ट पेश करने का निर्णय लिया है। राज्य मंे प्रस्तावित कामधेनु विश्वविद्यालय में दसवीं के बाद गोपालन और गोसंरक्षण की पढ़ाई होगी। साथ ही गोबर व गोमूत्र के इस्तेमाल पर अनुसंधान किए जा सकेंगे। विवि में अलग से शोध ब्लाॅक बनाने की योजना है। गोसेवा आयोग प्रत्येक गोपालक को बायोगैस प्लांट पर 50-75 फीसदी तक सब्सिडी दिए जाने के हक में है। यही नहीं गोचरान के लिए भूमि को विकसित कर गोशालाओं को देने की योजना पर भी काम चल रहा है। गोशालाओं की संख्या बढ़ाकर लावारिस गायों को उनतक पहुंचाने की दिशा में भी आयोग योजना तैयार कर रहा है। योजना गोसेवा आयोग के अध्यक्ष भानी राम मंगला के गुजरात दौरे के बाद तैयार हुई है क्योंकि वे स्वयं गुजरात में गोसेवा आयोग की कार्यशैली देखकर आए हैं। उन्होंने रिपोर्ट में डेयरी उद्योग को भी प्रोत्साहन दिया है।
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