पशुओं के शरीर में फास्फोरस की कमी या शरीर द्वारा सही मात्रा में उपयोग नहीं होने पर फास्फोरस की कमी हो जाती है. लगभग 70 प्रतिशत फास्फोरस का उपयोग हड्डी और दांत बनने के लिए कैल्शियम के साथ होता है. फास्फोरस की कम मात्रा से उत्पन्न होने वाले रोग को हाइपोफॉस्फेटीमिया कहा जाता है, वहीं अत्याधिक मात्रा में फास्फोरस की कमी के कारण हड्डियों का रोग (रिकेट्स) हो सकता है. इसके अलावा फास्फोरस एवं कैल्शियम तत्व के संतुलन से पशुओें में ऑस्टियोपोरोसिस रोग हो जाता है. तो आइए जानते है पशुओं में फास्फोरस की कमी के लक्षण और कैसे इसका समाधान किया जाए-
पशुओं में फास्फोरस की कमी के कारण (Due to lack of phosphorus in animals)
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जहां चारा उगाया गया है, यदि उसी जमीन में फास्फोरस की कमी है तो चारे के साथ साथ पशुओं में भी फास्फोरस की कमी हो जाएगी.
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अगर पशुआहार मिश्रण में चोकर नहीं मिलाया जाता तो भी फास्फोरस की कमी हो सकती है.
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पशु को सूखी घास एवं चारे में फास्फोरस की होती ही है.
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किसी बीमारी या अस्वस्था के कारण शरीर फास्फोरस का सही मात्रा में अवशोषण नहीं कर पाता.
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गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास के लिए फास्फोरस की आवश्यकता में वृद्धि करने से भी इस तत्व की कमी हो जाती है.
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अधिक फास्फोरस की कमी सामान्यतः अधिक उत्पादकता वाली डेयरी गायों में स्तनपान की शुरूआती अवधि में अधिकतम पायी जाती है.
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स्तनपान की शुरूआत में फास्फोरस की अचानक से कमी होना शुरू हो जाती है.
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गर्भावस्था के अन्तिम सप्ताह के दौरान आहार में अधिक मात्रा में फास्फोरस न दें, यह पशु के लिए प्राणघातक हो सकता है.
पशुओं में फास्फोरस की कमी होने वाले नुकसान (Loss due to phosphorus deficiency in animals)
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पशुओं में इसकी कमी से भूख कम हो जाती है.
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पशु दीवार चाट कर, मिट्टी खाकर या दूसरे पशुओं का पेशाब चाटकर अपनी फास्फोरस की कमी को पूरा करना चाहता है.
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पशुओं की बढ़वार कम हो जाएगी और दूध देने की क्षमता में भी कमी आएगी.
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फास्फोरस की कमी होने पर पशु की प्रजनन क्षमता प्रभावित होगी, जिससे पशु हीट में नहीं आएंगे.
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पशुओं की हड्डियां कमजोर हो जाएंगी या टेड़ी- मेढ़ी हो जाएगी. जिससे पशु ठीक तरह से खड़ा भी नहीं हो सकेगा.
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फास्फोरस की कमी से पशुओं में बेचैनी, मांसपेशियों में कमजोरी एवं हड्डियों में दर्द होना शुरू हो जाता है.
फास्फोरस की कमी को कैसे पूरी करें (How to overcome phosphorus deficiency)
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मिट्टी जांच करा कर जमीन में फास्फोरस की कमी का पता लगाया जा सकता है तथा उसी मात्रा में यह तत्व जमीन में देने से कमी को पूरा किया जा सकता है.
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चारा फसलें उगाते समय खेत में उचित मात्रा में N:P:K डालिये.
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चारा फसलों और अनाजों के छिलकों में फास्फोरस अधिक मात्रा में पाया जाता है या फिर पशुआहार मिश्रण में मिनरल मिक्सचर मिलाने से भी कमी की पूर्ति की जा सकती है.
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गाय भैंस को 50 ग्राम खनिज लवण प्रतिदिन दें.
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पशुओं के लिए पशुआहार बनाते समय उसमें 30 से 40 प्रतिशत चोकर जरूर मिलाएं.
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पशुओं को बहुत अधिक मात्रा में कैल्शियम देने पर भी फास्फोरस की कमी हो जाती है इसलिए पशुओं को केवल कैल्शियम ही न दें.
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पशु डॉक्टर की सलाह से विटामिन ए तथा विटामिन बी काम्प्लेक्स का इंजेक्शन भी दें.
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वयस्क पशु को आहार में प्रतिदिन 50 ग्राम सादा नमक अबश्य दें.
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पशु चिकित्सक की सलाह से फास्फोरस का इंजेक्शन अवश्य लगवाएं एवं पशुओं को प्रतिदिन 50 ग्राम सोदाफास पाउडर खाने में दें.
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