किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार कई तरह की योजनाओं को लागू करती रहती है. सरकार के साथ में कृषि सहयोग के लिए कई तरह की संस्थाएं एवं कृषि विश्वविद्यालय भी तरह-तरह की तकनीकी को ईजाद करते रहते हैं. भारत में पशुपालन बहुत ही बड़े स्तर पर किया जाता है. पशुपालन के प्रमुख उद्देश्य भारत में दूध, ऊन और मांस का उत्पदान करना होता है. भारत में दुग्ध उत्पादन के लिए डेयरी उद्योग का क्षेत्र भी बहुत बड़े स्तर पर फैला हुआ है. इस उद्योग को और भी बड़े स्तर तक पहुंचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार तरह-तरह की योजनाओं को लागू करती हैं. ऐसी ही एक योजना के बारे में हम आज बात करने जा रहे हैं जो इस उद्योग को एक नई क्रांति प्रदान कर सकती है.
पशुपालन के लिए लागू होगी ब्राजील तकनीक
भारत हो या कोई अन्य देश पशुओं का पालन सभी देश अपनी तकनीक और सुविधा के अनुसार उसे व्यवस्थित करने का प्रयास करते हैं. इन्हीं तकनीक को हम भी एक दूसरे से ग्रहण कर उसे लागू कर उन्हें आगे बढ़ाते हैं. ब्राजील भी पशुपालन के लिए तरह-तरह की तकनीक का विकास करता रहता है. लेकिन अब हरियाणा सरकार यही तकनीक हरियाणा किसानों के लिए भी ला रही है. उनके अनुसार पशुओं को व्यवसाय के रूप में पालना ही ब्राजील तकनीक का प्रमुख हिस्सा है.
क्या फायदा होगा इस तकनीक से
इस तकनीक से किसानों को केवल उन पशुओं को पालने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा जो ज्यादा दूध का उत्पादन करते हों और इनका उपयोग केवल व्यापारिक दृष्टि से किया जाये. हरियाणा सरकार अब ऐसे पशुओं की नस्ल को लाने की कोशिश कर रही है जो दिन में 60 से 70 लीटर तक दूध का उत्पादन कर सकें. इतना ही नहीं सरकार इस योजना के लिए अनुदान का भी प्रावधान कर रही है.
सरकार करेगी अच्छी नस्ल के सीमन की व्यवस्था
सरकार ब्राजील पशुपालन अपनाने के लिए पूरी तरह से तत्पर है. वह इस योजना के लिए अनुदान का तो प्रबंध कर ही रही है साथ ही ज्यादा दूध वाले पशुओं की मात्रा को बढ़ाया जा सके इसके लिए सरकार अच्छे सीमन का भी प्रबंध करके किसानों और डेयरी उत्पादकों को उपलब्ध कराएगी. हरियाणा सरकार के कृषि मंत्री के अनुसार बहुत से पशुपालकों को अच्छी नस्ल का सीमन उपलब्ध न हो पाने के कारण ही वे व्यवसायिक गति से बाहर हो जाते हैं.
लेकिन अब उनकी इस समस्या के समाधान के लिए भी सरकार उनका पूरा सहयोग करेगी. इससे प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में पूरा सहयोग मिलेगा.
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