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पशुओं के लिए आपातकालीन स्थिति में अपनाएं प्राथमिक चिकित्सा के 5 आसान उपाय

कई बार पशुओं को आपातकालीन स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा नहीं मिल पाती है. ऐसे में उनकी बीमारियां गंभीर रूप धारण कर लेती हैं. अगर इस स्थिति में पशुओं को प्राथमिक चिकित्सा मिल जाए, तो उन्हें कई गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है. आइए पशुपालक को पशुओं को प्राथमिक चिकित्सा देने के कुछ खास उपाय बताते हैं.

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य

कई बार पशुओं को आपातकालीन स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा नहीं मिल पाती है. ऐसे में उनकी बीमारियां गंभीर रूप धारण कर लेती हैं. अगर इस स्थिति में पशुओं को प्राथमिक चिकित्सा मिल जाए, तो उन्हें कई गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है. आइए पशुपालक को पशुओं को प्राथमिक चिकित्सा देने के कुछ खास उपाय बताते हैं.

पशुओं का बेहोश का होना  

अधिकतर पशु बहोश हो जाते हैं. इसका कारण पानी में डूबना, सिर में चोट लगना, धुंए में दम घुटना या पिर करंट लगना हो सकता है. अगर पशु बहोश होते हैं, तो इस स्थिति में पशुपालक को सिर में ठंडे पानी की पट्टियां रख देना चाहिए. अगर पशु को करंट लगा है, तो तुरंत पैर और छाती पर मालिश कर देना चाहिए. इससे पशु को गर्मी मिलती है. इसके कुछ देर बार पशु को नमक और गुड़ का पानी पिला देना चाहिए.

पशुओं के शरीर पर घाव होना

कई बार पशु को चोट लगने से शरीर पर घाव बन जाते हैं. ये दो प्रकार के होते हैं. पहली स्थिति में चमड़ी फट जाती है, तो दूसरी स्थिति में चमड़ी नहीं फटती है. अगर पशुओं की चमड़ी फट जाए, तो उस जगह पर सूजन या खून जम जाता है. ऐसे में पशुपालक बर्फ या ठंड़े पानी से चोट वाली जगह की सिकाई कर दें. इससे पशुओं को फोड़ा नहीं होता है. अगर चोट खुल हई है, तो वहां एंटीसेप्टिक क्रीम लगा सकते हैं. इसके अलावा खून बहने पर टिंचर बैन्जोइन का उपयोग कर सकते हैं.

पशुओं के किसी अंग की हड्डी टूटना

अगर पशु गड्ढे या ऊंचाई से गिर जाए, तो अधिकतर उनके पैर की हड्डियां टूट जाती हैं. ऐसे में उनकी टूटी हुई हड्डियों को बांस की खपच्चियों से बांध देना चाहिए. अगर बांस नहीं है, तो पशुपालक पेड़ की डाली का भी उपयोग कर सकते हैं. बता दें कि पशुओं की हड्डियां दो तरह से टूटती हैं. पहली स्थिति में हड्डी टूटकर चमड़े के अंदर रह जाती है, तो वहीं दूसरी स्थिति में हड्डी बाहर आ जाती है. पशुपालक ध्यान दें कि पशुओं की हड्डी बाहर आने पर खतरा बढ़ जाता है.

पशुओं के किसी अंग से खून बहना

अगर पशुओं के शरीर से किसी कारण खून बहने लगता है, तो पशुपालक को सबसे पहले खून रोकने के लिए कटे हुए स्थान को कसकर दबा देना चाहिए. इसके अलावा कटे हुए स्थान को कसकर बांध दें. हालांकि, पशुओं के कटे हुए स्थान को बांधना काफी मुश्किल होता है. मगर ऐसी स्थिति में पशुपालक को एक कपड़ा लेकर फिटकरी के घोल में भिगो देना चाहिए और उसको  कटे हुए स्थान पर जोर से दबाकर रख देना चाहिए. इस तरह खून बहना बंद हो जाता है.  

आंख में कुछ गिरना

अगर पशओं के आंख में कुछ गिर जाए या कीचड़ हो जाए, तो उसे रुई या कपड़े की सहायता से निकाल देना चाहिए. इसके बाद ताज़े पानी से धो देना चाहिए.

ये खबर भी पढ़ें: पशुपालक इन 4 यंत्रों की मदद से जान सकते हैं पशुओं के मदकाल की स्थिति

English Summary: Method of giving first aid to animals Published on: 09 May 2020, 05:27 IST

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