उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में ग्रामोदय मेला का आयोजन किया गया था, जिसका मुख्य आकर्षण केंद्र ‘गोलू-2’ रहा. इसे लोग दूर-दूर से देखने आए थे. हम आपको बता दें कि गोलू-2 शुद्ध मुर्रा प्रजाति का भैंसा है जिसे हरियाणा से दीनदयाल शोध संस्थान के उद्यमिता विद्यापीठ में लगे ग्रामोदय मेले में लाया गया था.
गोलू-2 क्यों बना है आकर्षण का केंद्र-
हरियाणा का भैंसा गोलू-2 साढ़े 5 फ़ुट ऊंचा, 14 फ़ुट लम्बा और क़रीब डेढ़ टन वज़नी है. इसको लोग देखकर हैरान हो जाते हैं. गोलू-2 को देखकर उतावले होते लोग अपनी-अपनी तरह से इसके बारे में बाते करते हैं. कोई इसके दाम की चर्चा करता है तो कोई इसका शरीर देख आश्चर्यचकित होता है. हर कोई इस भैंसे के साथ फ़ोटो खिंचवाना चाहता है, बड़े-बूढ़े हों या बच्चे.
मुर्रा जाति का है भैंसा-
चित्रकूट के ग्रामोदय मेले में आया भैंसा गोलू-2 मुर्रा जाति का है. पानीपत से इस भैंसे को साथ लेकर आए किसान नरेंद्र सिंह बताते हैं कि इस भैंसे के दादा का नाम था गोलू-1. इसकी उम्र 4 साल 6 महीने है. गोलू-2 के पिता को उन्होंने हरियाणा सरकार को नस्ल सुधार के लिए दे दिया था. गोलू-2 के पिता का नाम पीसी-483 है. मेले में मुख्य आकर्षण बने भैंसे की मां रोजाना 26 किलो दूध देती है.
गोलू-2 के पारिवारिक सदस्यों के नाम भी दिलचस्प-
सिर्फ़ इस भैंसे का नहीं बल्कि इसके भाइयों के नाम भी काफ़ी दिलचस्प हैं. गोलू-2 के भाइयों के नाम हैं- सुल्तान, शहंशाह, सूरज और युवराज. इनमें युवराज की मौत हो चुकी है.
ये भी पढ़ें- भेड़ पालन में दिलचस्पी है तो पहले इनके बारे में समझें, बन सकते हैं लखपति!
ये है गोलू-2 का डाइट प्लान-
बात गोलू-2 की डाइट की करें तो इसको रोज़ाना 30 किलोग्राम सूखा हरा चारा, 7 किलो चना-गेहूं और 50 ग्राम मिनरल मिक्चर खिलाया जाता है. इसके मालिक किसान नरेंद्र सिंह के मुताबिक़ वो इसके सीमन से अब तक क़रीब 20 लाख रुपये कमा चुके हैं. गोलू की क़ीमत 10 करोड़ रुपये आंकी जा रही है. हालांकि नरेंद्र सिंह कहते हैं कि गोलू-2 उनके लिए अनमोल है और वो इसको बेचेंगे नहीं.
Share your comments