1. Home
  2. पशुपालन

सुजात बकरी का पालन होगा मुनाफ़े का सौदा, प्रतिदिन 1.0 से 1.5 किलो दूध देने की क्षमता

हमारे देश में गरीब लोगों के लिए बकरी पालन आमदनी का एक मुख्य साधन है. ऐसे में वह कई नस्ल की बकरियों का पालन करते हैं. बता दें कि पशुपालकों के लिए सुजात बकरी का पालन करना भी बहुत फायदेमंद साबित होता है. यह जोधपुर और राजस्थान के छोटे क्षेत्रों में पाई जाती हैं. आइए आज आपको सुजात बकरी की जानकारी देते हैं. आपको बताते हैं कि इसके पालन में किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए.

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य

हमारे देश में गरीब लोगों के लिए बकरी पालन आमदनी का एक मुख्य साधन है. ऐसे में वह कई नस्ल की बकरियों का पालन करते हैं. बता दें कि पशुपालकों के लिए सुजात बकरी का पालन करना भी बहुत फायदेमंद साबित होता है. यह जोधपुर और राजस्थान के छोटे क्षेत्रों में पाई जाती हैं. आइए आज आपको सुजात बकरी की जानकारी देते हैं. आपको बताते हैं कि इसके पालन में किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए.

सुजात बकरी की संरचना

  • यह सफेद रंग की पाई जाती हैं और शरीर पर काले रंग के धब्बों होते हैं.

  • इस बकरी के कान बहुत लंबे होते हैं और पूंछ छोटी और पतली होती है.

  • प्रौढ़ नर बकरी का भार 50 से 60 किलो होता है.

  • प्रौढ़ मादा बकरी का भार 40 से 50 किलो होता है.

  • नर बकरी की लंबाई करीब 80 सैं.मी. और मादा बकरी की लंबाई 78 सैं.मी. होती है.

  • इस नस्ल की बकरी प्रतिदिन औसतन 0 से 1.5 किलो दूध दे सकती है.

  • प्रति ब्यांत में दूध की उपज 175 किलो होती है.

सुजात बकरी का चारा

यह बकरी जिज्ञासु प्रकृति की होती है. इस कारण कई प्रकार का भोजन जैसे, कड़वे, मीठे, नमकीन खा सकती हैं. ये स्वाद और आनंद के साथ फलीदार भोजन जैसे लोबिया, बरसीम, लहसुन आदि खा सकती  हैं. मुख्य रूप से इन्हें चारा खाना पसंद होता है, जिससे इन्हें ऊर्जा और उच्च प्रोटीन मिलता है.  

सुजात गाभिन बकरी की देखभाल

  • गाभिन बकरी के ब्याने के 6 से 8 सप्ताह पहले ही दूध निकालना बंद कर देना चाहिए.

  • ब्यांत बकरियों को ब्याने से 15 दिन पहले साफ, खुले और कीटाणु रहित कमरे में रखना चाहिए.

ब्याने के बाद बकरियों की देखभाल

  • ब्यांत वाले कमरों को साफ रखें.

  • बकरी का पिछला हिस्सा आयोडीन या नीम के पानी से साफ करें.

  • बकरी को ब्याने के बाद गर्म पानी में शीरा या शक्कर मिलाकर पिलाएं.

  • इसके बाद गर्म चूरे का दलिया खिलाएं, जिसमें अदरक, नमक, धातुओं का चूरा और शक्कर मिला हो.

मेमनों की देखभाल

  • जन्म के तुरंत बाद साफ सुथरे और सूखे कपड़े से मेमने के शरीर को साफ कर देना चाहिए.

  • नए जन्मे बच्चे के शरीर को तोलिये से अच्छे से मसलना चाहिए.

  • अगर मेमना सांस ना ले रहा हो, तो पिछली टांगों से पकड़ कर सिर नीचे की ओर रखें, इससे उसके श्वसन पथ को साफ करने में मदद मिलेगी.

  • बकरी के लेवे को टिंचर आयोडीन से साफ करें.

  • बच्चे को जन्म के 30 मिनट के अंदर पहली खीस पिलाएं.

सुजात बकरियों में टीकाकरण

  • क्लोस्ट्रीडायल बीमारी से बचाने के लिए सी.डी.टी या सी.डी और टी टीका लगवाएं.

  • जन्म के समय टैटनस का टीका लगवाना चाहिए.

  • जब बच्चा 5 से 6 सप्ताह का हो जाए, तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए टीकाकरण करवाना चाहिए.

  • इसके बाद साल में एक बार टीका लगवाएं.

English Summary: Information on caring for Sojat goat Published on: 10 October 2020, 01:26 IST

Like this article?

Hey! I am कंचन मौर्य. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News