मछली पालन (Fisheries) एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें लागत कम और मुनाफा दोगुना हो सकता है, लेकिन इसके लिए बेहद जरूरी उचित बाजार की व्यवस्था है.
दरअसल, कई बार मछली पालन (Fisheries) करने वाले लोगों को बेहतर बाजार नहीं मिल पाता है, जहां वे मछलियां बेच सकें. इस कारण मछली पालन से अच्छा मुनाफा भी नहीं कमा पाते हैं. इस समस्या के समाधान के लिए असम में देश का पहला ई-फिश मार्केट ऐप (e-Fish Market App) लॉन्च किया गया है. इस ऐप को राज्य के मत्स्य पालन मंत्री परिमल सुखाबैद्य द्वारा लांच किया गया.
क्या है ई-फिश मार्केट ऐप? (What is e-Fish Market App?)
ई-फिश मार्केट ऐप को एक्वा ब्लू ग्लोबल एक्वाकल्चर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा राज्य के मत्स्य विभाग की मदद से तैयार किया गया है. इसके जरिए जलीय कृषि के लिए वन-स्टॉप समाधान, खरीदारों और विक्रेताओं, दोनों को मछली, जलीय कृषि उपकरण और दवा, मछली फ़ीड और मछली बीज ऑनलाइन ऑर्डर करने और बेचने में मदद मिल पाएगी.
इसके अलावा ऐप पर मीठे पानी और समुद्री जल में जमी हुई मछली, सूखी मछली, मछली का अचार और प्रसंस्कृत मछली उत्पाद भी उपलब्ध होंगे.
बिचौलियों का होगा सफाया (Middlemen will be eliminated)
इस ऐप के जरिए मछली पालन (Fisheries) करने वाले लोगों को उचित मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही बिचौलियों का सफाया होगा. कहा जा रहा है कि देश के पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के अलावा किसी भी अन्य सरकार ने अपनी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के जरिए मछली को एक संपत्ति के रूप में मान्यता नहीं दी है.
जानकारी के लिए बता दें कि भारत में मछली पालन (Fisheries) व्यवसाय काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. यहां करीब डेढ़ करोड़ लोग इस व्यवसाय से जुड़कर अपनी आजीविका चला रहे हैं. इससे अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं.
अगर मछली पालक सालभर मछलियों की अच्छी बिक्री करना चाहते हैं, तो उन्हें ई-फिश मार्केट ऐप (e-Fish Market App) से जुड़ना होगा, ताकि वह मछली पालन से अच्छा मुनाफा कमा सकें.
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