दक्षिण कठियावाड़ की इस नस्ल की गाय राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में पाई जाती है. गिर गाय को देसण, सूरती, गुजराती, सोरठी के नाम से भी जानी जाती है. लाल रंग की इस गाय के शरीर पर सफेद धब्बे होते है, इसके कान लंबे और सिर गुंबद के आकार को होते है. तो आइए जानते हैं गाय की अधिक दूध देने वाली नस्ल के बारे में.
कैसी होती गिर गाय की खुराक?
गिर गाय को संतुलित भोजन ही देना चाहिए. इन्हें फलीदार चारा बेहद पसंद है. जिसमें तुड़ी या अन्य चारा मिलाकर खिला सकते हैं. इससे यह फायदा होता है कि गाय को बदहजमी और आफरे की शिकायत नहीं आएगी. इस नस्ल की गाय प्रोटीन, विटामिन और खनिज पदार्थ युक्त संतुलित आहार देना चाहिए. अनाज में इसे जौ, ज्वार, मक्का, गेहूं, जई, चोकर समते अन्य आहार खिला सकते हैं. यह गाय सरसों, मूंगफली के अलावा मक्का और अलसी से तैयार खुराक भी खाती है. चारे में गिर गाया को बरसीम, लोबिया, मक्का, बाजरा और सुडान घास खिला सकते हैं.
कैसे करें गिर की देखभाल?
इस नस्ल की देखभाल विशेष रूप से की जाती है. इसके लिए अनुकूल शैड बनाकर रखा जाता है. जिससे गिर बारिश, ठंड या तेज धूप से आसानी से बच सके. शैड ऐसा बनाना चाहिए जिसमें ताजी हवा और जरूरी पानी की पूर्ति हो. साथ भोजन के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए. गोबर और अन्य पदार्थो के निकास के लिए पाइप लाइन की व्यवस्था की जा सकती है. गाभिन गायों की अतिरिक्त देखभाल बेहद जरूरी होती है. उसे अतिरिक्त आहार दे जिससे वह दूध अधिक देती है. समय समय पर गाय का टीकाकरण करना चाहिए. साफ सफाई का भी विशेषतौर पर ध्यान रखना चाहिए.
प्रतिदिन 12 लीटर दूध देती है ये गाय
भारतीय गिर गायों की ब्राजील और इजराइल समेत कई देशों में मांग होती है. दरअसल, यह देश की सबसे ज्यादा दूध देने वाली गाय मानी जाती है, एक दिन में 12 लीटर से अधिक दूध देने की क्षमता रखती है. वहीं एक बेंतकाल में लगभग 2110 लीटर तक दूध देती है. गाय की यह नस्ल 12 से 15 साल तक जीवित रहती है. वहीं एक जीवन काल में 6 से 12 बच्चे पैदा करने की क्षमता रखती है. इसका दूध भी 70 से 200 रूपए लीटर बिकता है. इसकी कीमत 90 हजार से लेकर 3 लाख रुपए तक होती है.
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