चिताले जीनस एबीएस इंडिया ने हाॅलस्टीन सांडों की 13 उच्च गुणवत्ता वाली लाइनों को आयात करके एक इतिहास बनाया है। यह सांड भारत में ही नहीं बल्कि संयुक्त राज्य अमरीका में भी अव्वल है। इनमें दूध, वसा, प्रोटीन आदि उत्पादन के उच्च गुणवत्ता के आनुवांशिक गुण हैं। इस समय भारतीय डेयरी की आवश्यकता है लंबी उत्पादन उम्र के लिए इन सांडों का चयन बहुत ही ध्यानपूर्वक किया गया है। इनके आयात से भारत और अमरीका के बीच की आनुवांशिकी खाई पट गई है। जीनस एबीएस द्वारा सांडों का वीर्य एकत्रित करने के लिए महाराष्ट्र के सांगली जिले के ब्रह्मा में प्रयोगशाला स्थित है।
डाॅ. अरविंद गौतम, मैनेजिंग डायरेक्टर एबीएस इंडिया ने बताया कि अब भारतीय डेयरी मैन इस जमे हुए वीर्य को उच्च स्तरीय गायों की किस्में बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि भारत सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश है लेकिन यहां के पशुओं की उत्पादकता अमेरीका व पश्चिमी देशों के पशुओं की तुलना में काफी कम है। हालांकि भारत में डेयरी आनुवांशिक की एम्ब्रियो ट्रांसफर और सिलेक्शन ब्रीडिंग की तकनीकें उपलब्ध हैं लेकिन यह आयातित वीर्य इन तकनीकों से गाय-भैसों की नस्ल सुधार में अधिक कामयाब रहेगा।
Share your comments