छोटे किसानों के लिए मुर्गीपालन और बटेरपालन आय का एक अच्छा माध्यम बन सकता है. लेकिन मुर्गीपालन या बटेरपालन के दौरान छोटे किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या हैचिंग मशीन की आती है. दरअसल, हैचिंग मशीन काफी महंगी होती है इसलिए छोटे स्तर मुर्गीपालन करने वाले किसान इसे खरीद नहीं सकते हैं. ऐसे में आप खुद बेहद कम खर्च में हैचिंग मशीन बना सकते हैं. तो आइए जानते हैं कैसे बनाए जुगाड़ की हैचिंग मशीन.
2 लाख में मिलती है इनक्यूबेटर मशीन (Incubator machine available for 2 lakhs)
सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय के छात्र आदित्य कुमार ने इस हैचिंग मशीन को बनाया है. उनका कहना है कि इग इनक्यूबेटर में तापमान और नमी को मेंटेन रखना पड़ता है. तापमान को मेंटेन रखने के बाद आसानी से हैचिंग हो जाता है और अंडे से चूजा बाहर निकलता है. इनक्यूबेटर का प्राइस आमतौर पर 1.5 से 2 लाख होता है. जो बहुत महंगा होता है. इसे बड़े स्तर पर मुर्गीपालन या बटेरपालन करने वाले किसान ही खरीद सकते हैं. इसके लिए बड़ा इनवेसमेंट करना पड़ता है. इसलिए मैंने कम खर्च में इस इक्यूपमेंट को छोटे किसान के पास पहुंचाने की सोची.
कैसे बनाएं इनक्यूबेटर? (Incubator machine available for 2 lakhs)
इस इनक्यूबेटर को बनाने के लिए बाजार से छोटे थर्माकोल का एक बाॅक्स खरीदे. यह बॉक्स सामान्यतः बर्फ के साथ मछली रखने के काम आता है. इस बॉक्स में एक टेम्परेचर कंट्रोल लगाए जो मार्केट में आसानी से और बहुत सस्ते में मिल जाता है. अब मार्केट से मुर्गी या बटेर के अंडे खरीदकर इसमें हैचिंग के लिए रख दें. बटेर के अंडों में 13 से 14 दिनों में अंडों में हैचिंग होना शुरू हो जाती है. इस मशीन को मैन्यूली ही चलाना पड़ता है. वहीं इसे बनाने में सिर्फ 2 हजार से 2500 रूपए का खर्च आता है जो आसानी से 50 अंडों की हैचिंग कर सकता है.
मशीन को चलाते समय क्या सावधानियां रखें (What precautions should be taken while operating the machine)
कई बार लाइट 3-4 घंटों के लिए चली जाती है तब इसमें गर्म पानी करके रख दें. इससे तापमान आसानी से मेंटेन हो जाता है. हैचिंग के लिए 30 से 32 सेल्सियस डिग्री तापमान रखना पड़ता है. हालांकि हैचिंग के लिए आदर्श तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट यानि 37.7 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. तापमान को मेंटेन करने के लिए थर्माकोल के बॉक्स में बल्ब लगाया जाता है.
लाइट लगाकर तापमान सेट किया जाता है. इसमें तापमान को तीन से चार बार रोटेट करना पड़ता है. वहीं अंडे को थर्माकोल की मशीन में रखते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अंडे का बड़ा भाग ऊपर और छोटा भाग नीचे की तरफ हो. बता दें कि मुर्गी का अंडा 21 दिन में हैच हो जाता है.
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