भारत देश में मुर्गी पालन की परंपरा पुरानी रही है. जहां कोरोना महामारी ने पुरे देश को झकझोर के रख दिया वहीं किसानों पर भी इसका कड़ा असर पड़ा है. ऐसे में जो भी किसान कम आमदनी लगाकर ज्यादा मुनाफा करना चाहते है तो वो मुर्गी पालन (Poultry Farming) कर सकते है.
मुर्गी पालन का व्यापार आज अपना रूप ले चुका है और किसानों की आय बढ़ाने में जुटी सरकार पोल्ट्री फार्मिंग के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इच्छुक व्यक्तियों को आसानी से लोन भी उपलब्ध कराया जा रहा है. सबसे अच्छी बात यह है कि पोल्ट्री कारोबार को कम पूंजी में भी शुरू किया जा सकता है. 40 हजार रुपए लगाकर 500 मुर्गियों के साथ इस काम को शुरू किया जा सकता है. 35 से 40 दिन बाद इस काम में रिटर्न मिलने लगता है. खेती-किसानी और अपने अन्य काम के साथ भी थोड़ी मेहनत के साथ पोल्ट्री फार्मिंग की जा सकती है.
कैसे शुरू करें मुर्गी पालन का बिज़नेस? (How to start poultry farming business?)
जगह का चयन: मुर्गी पालन के लिए जगह का चुनाव सबसे महत्वपूर्ण है. यदि आपके पास जगह की कमी है तब भी आप इसको छोटे पैमाने पर शुरू कर सकते है. छोटे पैमाने पर इस व्यापार को करने के लिए आप अपने घर के आस-पास की ज़मीन का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्यों कि मवेशियों अथवा पाली गयी मुर्गियों की संख्या पर इस्तेमाल होने वाली ज़मीन की लम्बाई- चौड़ाई निर्भर करती है.इसके लिए ख़ास कर वैसी जगहो का चयन करना चाहिये, जो शहर से थोड़ी दूर होती है, ताकि जानवरों को होर्न आदि से कोई परेशानी न हो.
अपने चुने गये जगह पर ये तय कर लें कि पानी की कमी किसी भी तरह से नहीं होगी. यदि आप फार्म घर के आस पास लगाना चाहते हैं तो ये परेशानी आपको पेश नहीं आएगी. जगह चुनने से पहले वहां ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था का जायजा ज़रूरो ले लें.
रजिस्ट्री कैसे करें:
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इसके बाद अपने पोल्ट्री फार्म को एमएसएमई (MSME) के द्वारा एक कंपनी अथवा एमएसएमई के ज़रिये पंजीकृत करें. एमएसएमई की सहायता से उद्योग आधार का पंजीकरण आसानी से हो जाता है. उद्योग आधार का पंजीकरण कराने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें.
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उद्योग आधार में ऑनलाइन बहुत सरलता से पंजीकरण करा सकते हैं. ऑनलाइन पंजिकरण के लिए वेबसाईट udyogaadhar.gov.in पर विजिट करें.
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इस वेबसाइट पर जाने के बाद आपको वहां पर उद्यमी को आधार संख्या और उसका नाम डालना होता है. उसके बाद ‘वैलिडेट आधार’ वाले विकल्प पर क्लिक करें.
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इस पर क्लिक करते ही आपका आधार वैलिडेट हो जाता है और आगे की प्रक्रिया करनी होती है.-
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आधार वैलिडेट हो जाने के बाद कंपनी का नाम, कम्पनी का प्रक्रार, व्यवसाय का पता, राज्य, जिला, पिन संख्या, मोबाइल संख्या, व्यवसाय की ईमल, व्यवसाय शुरू होने की तारीख, पूर्व पंजीकरण डिटेल, बैंक डिटेल, एनआईसी कोड, कम्पनी में काम करने वाले लोगों की संख्या, इन्वेस्टमेंट की राशि आदि डाल के कैप्त्चा डालें और सबमिट बटन पर क्लिक करें.
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इसके बाद एमएसएमई की तरफ से सर्टिफिकेट जेनरेट हो जाता है, इसके बाद आपके ईमेल में भी सर्टिफिकेट आ जाता है. आप इस ईमेल से इसका प्रिंट करा कर अपने ऑफिस में लगा सकते हैं.
मुर्गी पालन में कैसे होगी कमाई? (How to earn in poultry farming?)
पोल्ट्री फार्मिंग की शुरुआत छोटे स्तर पर कम से कम 50 हजार से शुरू की जा सकती है. वहीं बड़े स्तर पर पोल्ट्री फार्मिंग में 1 से 3 लाख रुपये का खर्च है. इसके लिए आप चाहें तो किसी भी सरकारी बैंक से लोन भी ले सकते हैं. पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार लोन पर 25 से 35 फीसदी तक सब्सिडी भी देती है. नाबार्ड के जरिये भी इसके लिए मदद की जाती है.
अब बात अगर कमाई की करें तो इसके लिए 2 तरीके है-
अंडा और चिकन: हर माह अपने फार्म में 1500 मुर्गी का चूजा छोड़, एक माह में बड़े साइज की मुर्गियां करीब 26 क्विंटल तैयार हो जाती है. इसके अलावा अंडों से भी अलग कमाई हो जाती है. इसका विस्तार करने पर कमाई और ज्यादा बढ़ जाएगी.
मुर्गी पालन बिजनेस से लाभ (Poultry Farming business benefits)
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तात्कालिक समय में देश में पोल्ट्री फार्मिंग चलन में है जिसके चलते सरकार इसे बढ़ावा देने के लिए विभिन्न तरह की सुविधायें और कम ब्याज दर पर लोन दे रही है.
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पोल्ट्री फार्म से कई अन्य बेरोजगार लोगों को विभिन्न तरह के काम मिल जाया करते हैं.
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भारत में लगभग सभी तरह के डेरी और पोल्ट्री फार्म से उत्पन्न वस्तुओं की खपत बहुत अधिक मात्रा में होती है, और यही वजह है की इसमें लाभ की बहुत बड़ी उम्मीद होती है.
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ये एक ऐसा व्यापार है, जिसे यदि अच्छे से चलाया जाए तो एक समय में सरकारी ऋण चुका कर एक अच्छे खासे पोल्ट्री फॉर्म का मालिक बना जा सकता है.
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