बत्तख पालन पशुपालन करने वाले किसानों के लिए एक अच्छा व्यवसाय है. क्योंकि इसमें मुनाफा लागत के अनुसार काफी अधिक होता है. छोटे और मध्यवर्गीय किसानों की अगर बात करें तो उनके लिए यह बेहतर विकल्प हो सकता है. इसमें लागत काफी कम लगती है और मुनाफा काफी बड़ा.
मुर्गी के अण्डों के बनिस्पत बत्तख के अण्डों में कहीं ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है. आगर आप भी बत्तख पालन करते है तो आपको इससे बहुत अधिक लाभ मिलेगा. आइये बताते हैं बत्तख पालन में किस नस्लों का पलना करना चाहिए और क्यूँ
बत्तख पालन के लाभ (Benefits Of Duck Farming)
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बत्तख गैर-जोखिम वाली होती हैं
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कई रोगों से लड़ने की क्षमता इसमें होती है.
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अंडा उत्पादन अधिक होता है.
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अंडे पौष्टिक होते हैं, और बाजार में इसकी मांग और कीमत दोनों अधिक है.
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बत्तख मांस अपनी स्वादिष्टता के लिए जाना जाता है और लोग इसे पसंद करते हैं
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ज्यादा आवास की आवश्यकता नहीं है
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घोंघा, स्लग आदि जैसे कीटों को मारता है.
बत्तख की नस्लें (Duck Breeds)
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कुछ बत्तख की नस्लें मांस के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है, और कुछ अण्डों के उत्पादन के लिए हैं. हालाँकि, दोहरे उद्देश्य वाली बत्तख की नस्लें भी हैं. अपने व्यावसायिक लक्ष्य के आधार पर, सही बत्तख की नस्ल चुनें.
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अंडा उत्पादन के लिए बतख की नस्लों में भारतीय धावक, सफेद और भूरे रंग के भारतीय धावक और खाकी कैंपबेल बतख शामिल हैं.
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मांस उत्पादन के लिए बत्तख की नस्लों में मस्कोवी, आयल्सबरी, स्वीडन, रुएल कगुआ और पेकिंग बतख शामिल हैं.
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वहीँ बात करें मांस और अंडे दोनों के लिए बतख की नस्लों में खाकी कैंपबेल बत्तख अच्छी होती हैं.
बत्तख पालन के लिए जरुरी बातें (Important Things For Duck Farming)
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सबसे पहले बत्तख के चूजों का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है.
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अगर तापमान में गिरावट दर्ज हो रही हो तो चूजों के लिए सावधानी रखनी होती है, क्यूंकि ये बहुत नाज़ुक होते हैं और मौसम के प्रभाव से जल्दी बीमार हो जाते हैं.
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बत्तख पालन की जगह में 200 वॉट का ऊपरी शेड लगा बल्ब फर्श से 2 फूट की ऊंचाई पर लगाएं.
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अंडों से निकले चूजों को फर्श पर रखने से पहले चटाई जरूर बिछाएं.
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चूजों को टूटे चावल का बारीक दाना, पानी में भिगो कर दें.
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एक महीने बाद ही चूजों को तालाब में छोड़ें, लेकिन शिकारी जानवरों से रक्षा का प्रबंध करें.
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सही मात्रा में अंडा उत्पादन बना रहे, इसके लिए पशुपालक को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बत्तखों के प्रजनन के लिए तालाब या किसी अन्य स्रोत को बेहतर स्थिति में रखे.
अंडे का उत्पादन (Egg Production)
देशी बत्तख की नस्ल एक साल में 100 से 130 के बीच अंडे देती है. मस्कॉवी नस्ल एक साल में लगभग 40 से 45 अंडे देती है. भारतीय धावक नस्ल एक साल में लगभग 250 अंडे देती है. और खाखी कैंपबेल एक साल में लगभग 300 अंडे देती है.
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