देश में दुग्ध उत्पादन के लिए गाय और भैंस सबसे ज्यादा पाले जाने वाले पशु हैं. गौ वंश पालन में भारत सबसे अग्रणी देशों में एक है. देश में गाय की कई उन्नत नस्लें दुग्ध उत्पादन के लिए पाली जाती हैं. आज हम आपको गाय की कुछ ऐसी देशी नस्लों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका पालन डेयरी उद्योग से लेकर घरेलू पालन में खूब किया जाता है. इन देशी नस्लों में सबसे ज्यादा पाली जाने वाली गाय की देशी नस्लें गिर, थारपारकर और साहिवाल हैं.
गाय की ये तीन नस्लें दूध के उत्पादन के लिए सबसे ख़ास मानी जाती हैं. इनका दुग्ध उत्पादन की मात्रा बात करें तो यह एक दिन में लगभग 20 लीटर तक दूध देती है. डेयरी फार्मिंग में इन देशी नस्लों का सबसे ज्यादा पालन किया जाता है. तो चलिए आज हम आपको देशी गाय की इन नस्लों के बारे में विस्तार से बताते हैं-
गिर गाय
- एक दिन में 12-20 लीटर तक दूध का उत्पादन.
- इसके अन्य नाम देसण, गुजराती, सूरती, काठियावाड़ी हैं.
- यह गाय गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में विशेष रूप से पाली जाती हैं.
- एक ब्यांत में में यह गाय लगभग 1500 से 1600 लीटर तक दूध देती है.
- इस गाय की बाज़ार में कीमत 50 हजार से 1 लाख रूपये तक होती है.
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थारपारकर गाय
- यह गाय एक दिन में 12-16 लीटर तक दूध का उत्पादन करती है.
- एक ब्यांत में यह 1700-1800 लीटर तक दूध देती है.
- यह गाय उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान में प्रमुख रूप से पी जाती है.
- बाज़ार में इसकी कीमत 20- 60 हजार रुपये तक होती है.
साहिवाल गाय
- यह गाय एक दिन में 10-20 लीटर तक दूध देती है.
- एक ब्यांत में यह लगभग 1800-2000 लीटर तक दूध देती है.
- साहिवाल गाय के अन्य नाम लंबी बार, मोंटागोमेरी, मुल्तानी भी हैं.
- यह मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा में प्रमुख रूप से पाई जाती है.
- बाजार में इसकी कीमत 40 हजार से 1 लाख तक होती है.
देशी गाय की ये तीनों ही नस्लें घरेलु या डेयरी दूध के उत्पादन के लिए पालन में सबसे ख़ास मानी जाने वाली किस्में हैं. देशी गाय कि अन्य किस्में भी गरेलू दुग्ध उत्पादन में बहुत प्रयोग की जाती हैं. इनके नाम – नागोरी, राठी, हरियाणवी आदि हैं. इनमें से गिर गाय का दूध अपनी विशेष गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है.
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