भारत में गाय की कई नस्लें पाई जाती हैं, जिनके बारे में अधिकतर किसानों और पशुपालकों को जानकारी भी नहीं होती है, ऐसी ही गाय की एक नस्ल मेवाती (Mewati Cow) है, जो कि मेवात क्षेत्र में पाई जाती है. ये Mewati Cow राजस्थान के भरतपुर जिले, पश्चिम उत्तर प्रदेश के मथुरा और हरियाणा के फरीदाबाद और गुरुग्राम जिलों में अधिक पाई जाती है.
गाय पालन में ये नस्ल काफी लाभकारी मानी जाती है. इस नस्ल की गाय को कोसी के नाम से भी जाना जाता है. मेवाती नस्ल लगभग हरियाणा नस्ल के समान ही होती है. बता दें कि मौजूदा समय में किसान और पशुपालक गाय की कई नस्लों का पालन कर रहे हैं, इसमें गाय की मेवाती (Mewati Cow) भी शामिल है, आइए आपको इस गाय की विशेषताएं बताते हैं-
मेवाती गाय की संरचना (Structure of Mewati Cow)
मेवाती नस्ल के पशुओं की गर्दन सामान्यत: सफेद होती है और कंधे से लेकर लगभग ¼ भाग गहरे रंग का होता है. इनका चेहरा लंबा व पतला होता है. आंखे उभरी और काले रंग की होती हैं. इसका थूथन चौड़ा और नुकीला होता है. इसके साथ ही ऊपरी होंठ मोटा व लटका होता है, तो वहीं नाक का ऊपरी भाग सिकुड़ा प्रतीत होता है. कान लटका हुआ होता है, लेकिन लंबा नहीं होता है.
गले के नीचे लटकी हुई झालर ज्यादा ढीली नहीं होती है. शरीर की खाल ढीली होती है, लेकिन लटकी हुई नहीं होती है. पूंछ लंबी, सख्त व लगभग ऐड़ी तक होती है. गाय के थन पूरी तरह विकसित होते हैं. मेवाती बैल शक्तिशाली, खेती में जोतने और परिवहन के लिए उपयोगी होते हैं.
यहां मिल सकती है मेवाती गाय (Mewati cow can be found here)
अगर किसी को मेवाती गाय खरीदना है, तो वह राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट https://www.nddb.coop/hi पर जाकर विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा आप अपने राज्य के डेयरी फार्म में संपर्क कर सकते हैं.
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