भारतीय व्यापार जगत में सुअर पालन का अपना ही महत्व है. इसमें कोई दो राय नहीं कि बदलते हुए समय के बाद भी सुअर पालन से अच्छा लाभ कमाया जा सकता है. वैसे दुनिया के कई बड़े देशों जैसे कि चीन, रूस, अमेरिका और ब्राजील आदि में सुअर पालन की लोकप्रियता शिखर पर है. भारत में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में इसका उत्पादन किया जाता है.
सुअर पालने के फायदे
किसी भी अन्य जानवर के मुकाबले सुअर के बढ़ने की गति सबसे तेज होती है. सुअर की फ़ीड रूपांतरण दक्षता भी कमाल की होती है. आहार के लिए विशेष इंतजाम की जरूरत भी नहीं पड़ती. वे किसी भी प्रकार के आहार को भोजन के रूप में खा लेते हैं. हालांकि अनाज, क्षतिग्रस्त भोजन, चारा या फल, सब्जियों को ये बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं. इसलिए हो सके तो ऐसे ही भोजन इन्हें परोसें.
एक मादा सुअर 8- 9 महीनों में ही पहली बार मां बनने में सक्षम होती है. साल में दो बार भी वो बच्चे पैदा कर सकती है. जबकि प्रत्येक प्रसूति में वो 8-12 बच्चों को जन्म देती है.
ऐसे सुनिश्चित करें उत्तम जगह
ध्यान रहे कि जो जगह आप चयनित कर रहे हैं वो जगह स्वच्छ हो. पानी के संसाधनों का होना भी जरूरी है. इसके साथ ही उस जगह का शांत और शोर मुक्त होना अनिवार्य है. शहर से दूर ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन खरीदना सही है. खेतों के पास बाजार है, तो कहना ही क्या. ऐसे में उत्पादों को बेचने और आवश्यक वस्तुओं, टीका और दवाओं को खरीदना आसान रहेगा.
बाजार के साथ अच्छी परिवहन व्यवस्था जरूरी
जमीन का चयन करते समय इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि वहां परिवहन सेवा कैसी है. अच्छे परिवहन सेवाओं के होने पर व्यापार कई गुना बढ़ सकता है.
Share your comments