भैंस पालन का डेयरी उद्योग में काफी महत्व है. हमारे देश में लगभग 55 प्रतिशत दूध यानि 20 मिलियन टन दूध भैंस पालन (Buffalo Rearing) के जरिए मिलता है. ऐसे में अगर आप भैंस पालन की शुरुआत करना चाहते हैं, तो भैंस की ऐसी नस्ल का पालन करें, जिससे दूध उत्पादन अच्छा प्राप्त हो.
आपको बता दें कि भैंसो की कई ऐसी नस्लें हैं, जो ज्यादा दूध उत्पादन की क्षमता रखती हैं. आइए जानते हैं कि कौन-कौन सी भैंस की काफी लोकप्रिय नस्लें हैं जो ज्यादा दूध उत्पादन के लिए जानी जाती हैं.
जाफराबादी भैंस (Jafarabadi Buffalo)
भैंस की जाफराबादी नस्ल सबसे ज्यादा चलन में है. यह गुजरात के गिर जंगलों में पाई जाती है. इस भैंस के सिर और गर्दन की वजह से एक अलग पहचानी है, क्योंकि इनका सिर काफी चौड़ा होता है, साथ ही अन्य भैंसों के मुकाबले बड़े और पीछे की तरह मुड़े होते हैं. अगर दूध उत्पादन की बात करें, तो औसत उत्पादन प्रति ब्यात 1000 से 1200 लीटर होता है.
मुर्रा भैंस (Murrah Buffalo)
मुर्रा भैंस सबसे ज्यादा दूध देने वाली नस्ल मानी जाती है, जिसकी डिमांड हरियाणा में ज्यादा होती है. बता दें कि हरियाणा और पंजाब के अलावा कई राज्यों के लोग मुर्रा भैंस को खरीद रहे हैं. यह रोजाना 15 से 20 लीटर दूध आसानी से दे सकती है. इसके दूध में फैट की मात्रा 7 प्रतिशत से ज्यादा पाई जाती है.
सुर्ती भैंस (Surti Buffalo)
भैंस की सुर्ती नस्ल भी गुजरात की है, जो बड़ौदा में पाई जाती है. जिस तरह जाफराबादी भैंस गहरे काले रंग की होती है, वैसे ही सुर्ती भैंस का रंग थोड़ा हल्का काला या स्लेटी होता है. यह भैंस दिखने में कमजोर होती है, लेकिन इसका सिर लंबा होता है. अगर दूध उत्पादन की बात करें, तो औसत उत्पादन प्रति ब्यात 900 से 1300 लीटर होता है.
मेहसाना भैंस (Mehsana Buffalo)
यह भैंस भी गुजरात के मेहसाणा जिले में पाई जाती है. इस भैंस का रंग काला-भूरा होता है. यह दिखने में मुर्रा भैंस की तरह लगती है, लेकिन यह भैंस दिखने में काफी धाकड़ होती है. इसके सिंग कम घुमे हुए होते हैं. अगर दूध उत्पादन की बात करें, तो औसत उत्पादन प्रति ब्यात 1200 से 1500 किलो होता है.
भदावरी भैंस (Bhadavari Buffalo)
भैंस की यह नस्ल उत्तर प्रदेश के आगरा, इटावा और मध्य प्रदेश के ग्वालियर क्षेत्र में ज्यादा पाई जाती है. इस नस्ल का सिर का आकार छोटा होता है, तो वहीं पैर भी छोटे-छोटे होते हैं. इस भैंस की दूध उत्पादन की क्षमता प्रति व्यात 1250 से 1350 किलोग्राम होती है.
अगर आप भैंस पालन की शुरुआत करना चाहते हैं, तो भैंस की उपयुक्त नस्लों का चयन कर सकते हैं. यह डेयरी उद्योग के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकती हैं. भैंस की इन नस्लों से दूध उत्पादन भी अच्छा प्राप्त होगा. इस तरह आपकी आमदनी में इजाफा भी अच्छा होगा.
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