ऊंट डेयरी दुनिया के सूखे क्षेत्रों में गाय डेयरी का एक विकल्प है। गाय डेयरी में वातानुकूलित परिस्थिति प्रदान करने के लिए बड़ी मात्रा में पानी और बिजली का उपभोग होता है। ऊंटनी के दूध में कईं प्रकार के महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। कई देशों में कुपोषण से पीड़ित बच्चों को ऊंट का दूध पिलाया जाता है। ऊंट के दूध में उच्च विटामिन, खनिज सामग्री और इम्यूनोग्लोबिन सामग्री होती है।गाय के दूध की तुलना में ऊंटनी के दूध में विटामिन सी तीन गुना अधिक होता है और लोहा 10 गुना अधिक होता है। गाय के दूध की तुलना में लैक्टोज ऊंट के दूध में कम होता है। हालांकि, पोटेशियम, मैग्नीशियम, तांबा, मैंगनीज, सोडियम और जिंक गाय के दूध की तुलना में अधिक होता हैं। रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाले पशु के दूध से होने वाले फायदों को देखकर इसे सफ़ेद सोना कहा जाने लगा हैं। सेहत के लिए ऊंटनी का दूध बहुत ही फायदेमंद होता हैं। ऊंटनी के दूध के और भी चमत्कारी फायदों का विवरण निम्नवत हैं-
मस्तिष्क का विकास
मानसिक बीमारी दूर करने के लिए भी ऊंटनी का दूध फायदेमंद है। बीकानेर के राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र ने हाल ही में एक अध्ययन कराया जिसमें यह पाया गया कि ऊंटनी का दूध मंद बुद्धि बच्चों के लिए काफी फायदेमंद होता है। जिस कारण ऑटिज्म जैसी बीमारियां और मानसिक विकार ठीक हो हो सकते हैं । इस अध्ययन में पंजाब के फरीदकोट में स्पेशल चिल्ड्रन के एक केंद्र में तीन महीने तक लगातार लगभग 10 मंद बुद्धि बच्चों को रोजाना सुबह-शाम 300 एम एल ऊंटनी का दूध पिलाया गया। इन बच्चों में बीमारी ठीक होने में दूसरे मंदबुद्धि बच्चों की तुलना में ज्यादा प्रभाव दिखाई दिया ।
सुपाच्य
ऊंटनी का दूध गाय के दूध की तुलना में जल्दी पच जाता है। इसमें दुग्धशर्करा, प्रोटीन, कैल्शियम,कार्बोहाइड्रेट, फाइबर ,लैक्टिक अम्ल, आयरन, मैग्निशियम,विटामिन-ए, विटामिन ई, विटामिनबी 2, विटामिनसी , सोडियम, फास्फोरस ,पोटैशियम, जिंक, कॉपर, मैग्नीज जैसे बहुत सारे तत्व भी पाए जाते है ।
संक्रामक रोगों से बचाव
ऊंटनी के दूध में विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं इसमें पाया जाने वाला एंटीबॉडी शरीर को संक्रामक रोग से बचाता है।यह गैस्ट्रिक कैंसर की घातक कोशिकाओं को रोकने में भी मदद करता है । यह शरीर में कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है जो संक्रामक रोगों के खिलाफ एंटीबॉडी के रूप में काम करती हैं।
मधुमेह ठीक करे
ऊंटनी के दूध में मधुमेह से लड़ने की अधिक क्षमता पायी जाती हैं । इसके दूध में इन्सुलिन जैसा एक प्रोटीन होता हैं जोकि मधुमेह होने से बचाता हैं ।
उत्पादन
ऊंटनी का दूध अभी भी एक निर्वाह उत्पाद है, लेकिन ऊंट दूध डेयरी में उत्पादन एक बढ़ता उद्योग है। भारत में ऊंट का दूध ज्यादातर रेगिस्तान समुदायों द्वारा उपयोग किया जाता है, यह आयुर्वेद के प्राचीन भारतीय औषधीय ग्रंथों में भी इसकी उपस्थिति पाता है। भारत में बीकानेर, राजस्थान में ऊंट पर राष्ट्रीय शोध केंद्र एक राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान संस्थान है । जिसमे ऑटिज़्म, मधुमेह, टीबी, हेपेटाइटिस इत्यादि में ऊंट के दूध के चिकित्सी यमूल्यों पर शोध परियोजनाओं में भाग लिया है ।
निष्कर्ष
डेयरी जानवरों के दूध की सरंचनाओं का दुनिया भर में व्यापक रूप से अध्ययन किया जा रहा हैं। सबसे ज्यादा गाय और भैंस के दूध का लगभग 74% सेवन किया जाता हैं । बकरी और भेड़ के दूध का सेवन भी कुछ हद तक कईं जगहों पर किया जाता हैं। ऊंटनी के दूध पर अध्ययन गाय और भैंस की अपेक्षा काफी कम हुआ हैं। जैसे कि हम जान पाए हैं कि ऊंटनी का दूध हमारे स्वस्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं । इसीलिए इसके दूध को डेरी के क्षेत्र में भी शामिल किया जाना चाहिए ।
लेखक - रीता मैहला, ज्योतिका धनखड़ और सुनीता मीना
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