कृषि विज्ञान केन्द्र परवाहा- औरैया के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं हेड डॉ. अनन्त कुमार ने मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों के लिए नयी तकनीकी का इजात किया है. इसमें मधुमक्खी पालन कर रहे किसान जब दो मधुमक्खी के परिवार को एक परिवार में मिलाते हैं. तो दोनों परिवार में अलग-अलग होने के कारण जल्द नहीं मिल पाते हैं. एवं आपस में झगड़ा होने के कारण अधिकांश मधुमक्खियों की मृत्यु हो जाती है. जिससे मधुमक्खी पालकों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है.
मधुमक्खी पालक उठा रहे लाभ
इसके लिए 2 % डिटॉल का घोल तैयार कर एवं दोनों परिवार को मिलाने से पहले मधुमक्खी के फ्रेम पर छिड़काव करें. इससे दोनों परिवार आपसे में एक दूसरे की गंध को भूल जाते हैं.क्योंकि मधुमक्खीयां अपने परिवार के सदस्यों को गन्ध से ही पहचानती हैं. इसलिए दोनों परिवार आपस में जल्द मिल जाती हैं. कोई झगड़ा नहीं होता हैं. एवं इस विधि से मधुमक्खी पालकों को बहुत लाभ मिल रहा हैं. इस तकनीकी का उपयोग करके औरैया जनपद के साथ-साथ अन्य जनपद के मधुमक्खी पालक लाभ उठा रहे हैं.
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