Backyard Poultry Farming: अगर आप कम लागत और कम समय में खुद का प्रोफिर्टेबल बिजनेस शुरू करने का मन बना रहे हैं, तो आपके लिए मुर्गी पालन व्यवसाय काफी अच्छा विकल्प हो सकता है. भारत में अंडे की बढ़ती मांग को देखे, तो मुर्गी पालन अच्छी कमाई का साधन बनता जा रहा है. इस बिजनेस को आप कम लागत में शुरू करके अधिक कमाई कर सकते हैं. देश में दो प्रकार का मुर्गी पालन किया जाता है, इसमें बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग और पोल्ट्री फार्म में मुर्गियां पाली जाती हैं. यदि आप पोल्ट्री फार्म में मुर्गियां पालते हैं, तो इसमें आपको बड़ी जगह और अधिक खर्च करना पड़ता है, लेकिन बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग को छोटे पैमाने पर कम जगह में किया जा सकता है.
आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग क्या है और इसे कैसे शुरु कर सकते हैं?
क्या होती है बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग?/What is backyard poultry farming?
बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग के लिए आप अपने घर के आंगन या घर के पिछे खाली पड़ी जगह में भी आसानी से कर सकते हैं. इसनें आपको कुछ देसी मुर्गियों की नस्ल का चयन करना है, जिससे आपकी आय में वृद्धि हो. देसी मुर्गियां आहार के रूप में कीड़े मकोड़े, हरा चारा, घर के बचे फल-सब्जियों के छिलके, अनाज और खरपतवार के बीच दाने खाकर भी जीवीत रह सकती है. लेकिन अगर आपको इनसे अच्छा उत्पादन चाहिए, तो इन मुर्गियों को कुछ अतिरिक्त आहार देना पड़ता है, जिसमें बाजरा, मक्का, चावल खली और कैल्शियम आदि शामिल है.
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कैसे शुरू करें बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग?/How to Start Backyard Poultry Farming?
बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग करने के लिए आपको थोड़ी सी जगह चाहिए होती है. यहां आपको 20 से 25 मुर्गे और मुर्गियां पालने हैं. आपको ज्यादातर देसी नस्ल के मुर्गे और मुर्गियां का पालन करना है, क्योंकि इनके अंडो की मार्केट में खास डिमांड देखने को मिल जाती है. देसी नस्ल के मुर्गों काफी महंगे बिकते हैं, इनका कोई फिक्स रेट नही होता है बल्कि खरीदने और बेचने वाला आपस में ही इनकी रेट तय करते हैं. बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग में दाने पर भी कोई ज्यादा खर्च नहीं आता है. देसी नस्ल के मुर्गे और मुर्गियां सुबह से शाम चुगते रहते हैं.
बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग के लिए अच्छी नस्ल/Good Breed for Backyard Poultry Farming
बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग में सबसे कठिन काम है अच्छी नस्लों का चुनाव करना. अच्छे नस्ल के मुर्गे और मुर्गियां ही आपके मुनाफे को बढ़ा सकते हैं. इसलिए आप के लिए बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग शुरू करने से पहले मुर्गे और मुर्गियों की उन्नत नस्लों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है. आप बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग के लिए असील, कड़कनाथ, स्वरनाथ, ग्रामप्रिया, केरी श्यामा, निर्भीक, श्रीनिधि, वनराजा, कारी उज्जवल और कारी आदि नस्ल के देसी मुर्गे और मुर्गियों का पालन कर सकते हैं.
बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग से तगड़ा मुनाफा/Big Profits From Backyard Poultry Farming
बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग में आने वाली मुर्गियों को तैयार होने में ज्यादा दिनों का समय नहीं लगता है. देसी नस्ल की मुर्गियां 7 से 8 महीनों में तैयार हो जाती है, जबकि उन्नत नस्ल की देसी मुर्गियां 4 से 5 महीनों के अंदर ही लगभग एक से डेढ़ किलो तक हो जाती है. यदि आप ज्यादा संख्या में मुर्गियों का पालन करते हैं, तो सालाना आप इनसे लाखों का मुनाफा भी कमा सकते हैं. इसके अलावा, मार्केट में देसी नस्ल के मुर्गो के मांस की भी अधिक डिमांड है, आप यहां भी इनका मांस बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
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