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गायों की नस्ल सुधार में सहायक बनी आधुनिक तकनीक, जानें फायदे और क्या है कृत्रिम गर्भाधान

बिहार में गौपालन को नई दिशा दे रही है कृत्रिम गर्भाधान तकनीक. उच्च नस्ल सुधार, बीमारियों से सुरक्षा और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि जैसी खूबियों के साथ यह तकनीक किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है. राज्य सरकार की पहल से यह सेवा गांव-गांव तक पहुँच रही है.

लोकेश निरवाल
लोकेश निरवाल
Artificial Insemination
गौपालन में आधुनिक तकनीक: कृत्रिम गर्भाधान से नस्ल सुधार की ओर नया कदम (Image Source: Freepik)

बिहार में गौपालन को आधुनिक बनाने की दिशा में एक अहम पहल के तहत कृत्रिम गर्भाधान तकनीक को तेजी से अपनाया जा रहा है. यह तकनीक न केवल गायों की नस्ल सुधारने में मददगार साबित हो रही है, बल्कि इसके माध्यम से किसानों को आर्थिक लाभ भी हो रहा है. कृत्रिम गर्भाधान (AI) का तात्पर्य है — उच्च गुणवत्ता वाले बैलों के वीर्य को सुरक्षित रूप से संग्रहित कर, वैज्ञानिक प्रक्रिया के माध्यम से उसे गायों में स्थापित किया जाता है. इससे गायों में गर्भधारण की संभावना बढ़ती है और संतान उच्च गुणवत्ता की होती है.

आइए इस तकनीक के बारे में आज के इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानते हैं...

बीमारियों के फैलने का खतरा बहुत कम

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार के गव्य विकास निदेशालय के अनुसार, यह तकनीक खासतौर पर उन क्षेत्रों में उपयोगी है जहां अच्छे नस्ल के सांड उपलब्ध नहीं हैं. किसान अब अपने क्षेत्र में ही तकनीशियनों की सहायता से इस सेवा का लाभ उठा पा रहे हैं.

इस तकनीक से बीमारियों के फैलने का खतरा बहुत कम हो गया है, क्योंकि प्राकृतिक गर्भाधान की तुलना में इसमें संपर्क रहित प्रक्रिया अपनाई जाती है. इसके साथ ही, यह विधि अधिक सुरक्षित और नियंत्रित है. इससे किसानों को न केवल समय की बचत होती है, बल्कि उनके पशुधन की उत्पादकता में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

हर बार उच्च नस्ल के बछड़े

विशेषज्ञों के अनुसार, एक सामान्य गाय के जीवनकाल में 6-7 बार गर्भधारण की संभावना रहती है. कृत्रिम गर्भाधान से हर बार उच्च नस्ल के बछड़े की उम्मीद की जा सकती है, जिससे भविष्य में दुग्ध उत्पादन में भी गुणात्मक और मात्रात्मक सुधार होता है. राज्य सरकार द्वारा इसके लिए निःशुल्क कैंप का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें पशुपालकों को तकनीकी जानकारी दी जा रही है और उनका पंजीकरण कर उन्हें सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.

कुल मिलाकर, कृत्रिम गर्भाधान अब केवल वैज्ञानिक शब्द नहीं, बल्कि गांव-गांव में किसानों के जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है. यह तकनीक बिहार को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है.

English Summary: AI Modern technology improving breed of cows what is artificial insemination Published on: 09 May 2025, 03:41 IST

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