मधुमक्खी पालन एक मुख्य व्यवसाय की श्रेणी में आता है. इनका पालन आछतों में, मेड़ों के किनारे या तालाब के किनारे किया जा सकता है. अगर किसानों की जोत छोटी है, तो वह खेतीबाड़ी के साथ मधुमक्खी पालन का व्यवसाय आसानी से कर सकते हैं. बता दें कि मधुमक्खियां फूलों के रस से शहद बनाती हैं. इसके बाद अपने छत्तों में जमा कर देती हैं. अगर इस व्यवसाय को किसान या बेरोजगार लोग अपनाते हैं, तो वह लाखों की कमाई कर सकते हैं. हमारे देश में मधुमक्खियों की कई प्रजातियों का पालन किया जाता है. इस कड़ी में शोधकर्ताओं ने मधुमक्खी की एक ऐसी प्रजाति खोज निकाली है, जिसका छत्ता क्रिस्टल और फूल की तरह दिखाई देता है.
मधुमक्खी की खास प्रजाति
यह शोध ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और स्पेन की ग्रेनाडा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मिलकर किया है. शोधकर्ताओं की मानें, तो यह टेट्रागोन्युला मधुमक्खियों का छत्ता है, जो कि 3डी तस्वीर जैसा दिखाई देता है. यह मधुमक्खियां मैथमेटिकल ब्लूप्रिंट को फॉलो करती हैं. यह एक खास तरह का पैटर्न है, जिसका आकार गोल होता है. जब छत्ता बनता है, तो वह एक घुमावदार आकार में तैयार हो जाता है.
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बिना डंक वाली मधुमक्खी तैयार करती हैं ऐसा छत्ता
इस तरह का घुमावदार छत्ता बिना डंक वाली मधुमक्खियां तैयार करती हैं, जिन्हें स्टिंग लेस कहा जाता है. टेट्रागोन्युला मधुमक्खी अपना छत्ता 4 तरह के आकार में बनाती हैं.
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पहला घुमावदार होता है
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दूसरा बुल्स-आई के आकार का
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तीसरा डबल स्पाइरल यानी दोहरा घुमावदार होता है.
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चौथा आकार सीढ़ीदार खेत की तरह दिखाई देता है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि श्रमिक मधुमक्खियां छत्तों के किनारों पर बालकनी यानी टैरेस जैसा आकार बना देती हैं. यहां हर एक गड्ढे में मधुमक्खी का एक अंडा रख दिया जाता है. इसके बाद उसे बंद कर देते हैं, जिससे इसके ऊपर एक और बालकनी की संरचना बन सके. इसके अलावा ये मधुमक्खियां ऐसा छत्ता बनाती हैं, जो मल्टी-स्टोरी कार पार्किंग जैसा दिखाई देता है. इसके लिए खास गणितीय फॉर्मूले का पालन किया जाता हैं, जो हर बार वैसा ही बनता है, जैसा वह चाहती हैं.
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