किसान भाई हमेशा से अतरिक्त आय अर्जित करने के मकसद से खेतीबाड़ी के अलावा, पशुपालन में भी सक्रिय रहते आए हैं, चूंकि खेतीबाड़ी की आय मौसम के मिजाज पर निर्भर करती है, लेकिन पशुपालन किसान भाइयों को हमेशा से अतरिक्त दिलाने में उपयोगी साबित रहा है. ऐसे में सरकार की यही कोशिश रहती है कि किसानों के साथ उन सभी लोगों के हित के लिए उपयुक्त कदम उठाए जाए, जो कृषि के साथ-साथ पशुपालन में सक्रिय हैं.
इसके लिए बकायदा केंद्र सरकार की तरफ से पशुपालन विभाग भी गठित किया जा चुका है, जिसके तहत तमाम पशु संबंधी गतिविधियों का गहन अवलोकन किया जाता है, लेकिन इतने सब प्रावधान करने के बावजूद भी हमारे देश में पशुओं की दुर्दशा कम होने का नाम नहीं ले रही है. जहां एक तरफ आवारा पशुओं की बढ़ती तादाद हम सभी के लिए चिंता का सबब बनकर उभर रही है, तो वहीं वे सभी लोग जो पशुपलान में सक्रिय हैं, उन्हें भी आए दिन विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
इन्हीं सब स्थितियों को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने पशुपालकों के लिए बड़ा कदम उठाया है. दरअसल बिहार सरकार ने मवेशियों की मौत पर पशुपालकों को मुआवजे के रूप में 30 हजार रूपए देने का फैसला किया है. यह राशि पशुपालकों को तब प्रदान की जाएगी, जब किसी संक्रमक रोग या किसी आप्रकृतिक कारण की वजह से पशु की मौत होती है, तो उस वक्त पशुपालकों को आर्थिक दृष्टि से राहत प्रदान करने हेतु यह राशि प्रदान की जाएगी. माना जा रहा है कि निकट भविष्य में बिहार सरकार आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए भी कोई बड़ा कदम उठाएगी. आइए, आगे इस लेख में जानते हैं कि कोई पशुपालक कैसे इस राशि को प्राप्त कर सकता है.
ऐसे मिलेगा लाभ
बता दें कि पशुपालकों को मुआवजे की प्राप्ति करने के लिए सबसे पहले इस बात की पुष्टि करनी होगी कि उसके पशु की मौत हो गई है. इसके लिए पशुपालक को पशुपालन विभाग से एक फॉर्म प्राप्त करना होगा. इसके बाद पशुपालन विभाग की तरफ से पशु की मौत की पुष्टि की जाएगी. जब यह पुष्टि हो जाएगी कि पशु की मृत्यु हो चुकी है, तब पशुपालक को मुआवजे की राशि प्रदान की जाएगी. यह सब कुछ एक प्रक्रिया के तहत निश्चित समयावधि में संपन्न करने की बाध्यता रहेगी.
किस पशु की मौत पर कितना मुआवजा मिलेगा
चलिए, अब जानते हैं कि किस पशु की मौत पर कितना मुआवजा मिलेगा. इस स्थिति से निपटने के लिए पशुपालन विभाग की तरफ से पशुओं को दो भागों में विभाजित किया गया है. पहला दुधारू पशु और दूसरा भारवाहक पशु. दुधारु पशु जो दूध प्रदान करते हैं और भारवाहक पशु, जो बोझ उठाने के काम आते हैं. अगर दुधारु पशुओं की मौत होती है, तो पशुपालकों को नियमों के मुताबिक 30 हजार रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. इसके अलावा, भारवाहक पशुओं की मौत होती है, तो पशुपालकों को 25 हजार रूपए प्रदन किए जाएंगे.
अगर ऐसी होगी मौत तभी मिलेगा मुआवजा
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अगर पशु किसी प्राकृतिक आपदा का शिकार होकर मरता है, तब जाकर मुआवजा की राशि प्रदान की जाएगी.
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अगर किसी जंगली जानवर का शिकार होने या सड़क दुर्घटना का शिकार होकर पशु की मौत होती है, तब पशुपालक मुआवजा प्राप्त करने के हकदार रहेंगे.
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इसके अलावा, अचानक मौत होने पर भी पशुपालकों को यह राशि प्रदान की जाएगी.
प्रदेश सरकार के इस कदम से पशुपालक भाई राहत की सांस लेते हुए नजर आ रहे हैं. खैर, यह तो रही बिहार सरकार द्वारा उठाया गया बड़ा कदम, लेकिन कृषि जगत से जुड़ हर बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए... कृषि जागरण.कॉम
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