फिशिंग हब के रूप में विख्यात वेरावल में कार्यरत फिशरीज कॉलेज ने डीएनए बार कोडिंग पद्धति से मछलियों की नई प्रजाति जानने के शोध में ऐतिहासिक सिद्धि हासिल की है। समुद्र में 84 नई मछलियों की प्रजाति की पहचान की गई है।
सुत्रों के अनुसार अभी वेरावल के आसपास करीब 15 कि.मी. के समुद्र में मछलियों की विभिन्न प्रजातियों की पहचान बारकोडिंग पद्धति से करने की दिशा में शोध जारी है। इसमें अब तक मछलियों की 84 प्रजातियों की पहचान की गई है। इसमें से 10 प्रजातियों की पहचान भारत में पहली बार दर्ज की गई है।
वैश्विक स्तर पर अलग-अलग प्रजाति की मछलियों समेत जीवों का एक डाटाबेस सर्वर कनाडा से संचालित हो रहा है जो बारकोड ऑफ लाइव डाटा सिस्टम से पहचाना जाता है। इसमें पूरे विश्व से डीएनए बारकोड पद्धति से हुए शोध पंजीकृत किए जाते हैं। एक जानकारी के अनुसार वैश्विक स्तर पर 32 हजार मछलियों की प्रजाति उपलब्ध हैं। इसमें से भारत में 2600 और गुजरात में 606 मछलियों की प्रजाति हैं।
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