भारत दुनिया का ऐसा देश है जिसने विश्व के हर क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई है फिर वो चाहे खेल का मैदान हो, आईटी का क्षेत्र हो, खेती का क्षेत्र हो या फिर कोई और हुनर हो, आज भारतीय हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। 122 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले इस देश में अभी भी बहुत से देशवासी ऐसे हैं जिनको न तो तकनीक के विषय में पता है और न ही नए बदलते भारत के विषय में जानते हंै।
यह भारत का वो तबका है जिसको हम ग्रामीण भारत बुलाते हैं जो इस बदलते देश के बारे में पूरी तरह से नहीं जानता है। हाँ, ये एक अलग बात है कि भारत के कुछ ग्रामीण हिस्सों में नए भारत का स्वरुप और उसकी पहुंच लोगों तक जा रही है। यह सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र की बात नहीं है बल्कि शहरों में भी आज युवा रोजगार के लिए भटक रहा है। आलम यह है कि जिनके पास कौशल है उनके पास तकनीकी जानकारी नहीं और जिनके पास तकनीकी जानकारी है उनके पास हुनर नहीं। इन दोनों के बीच में अटक जाता है बेरोजगार इन्सान। अब भारत सरकार इस बेरोजगारी नाम के शब्द को फीका करने लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकार के इन्हीं प्रयासों को सफल बनाने के पीछे कड़ी मेहनत कर रही है एन.एस.डी.सी यानी नेशनल स्किल डेवलपमेंट काॅर्पाेरेशन। एन.एस.डी.सी ने भारत में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और देशवासियों को कौशल शिक्षा प्रदान करने के लिए एक बड़े अभियान की शुरुआत की है। कृषि जागरण ने एन.एस.डी.सी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर व चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर जयंत कृष्णा से जाना कि एन.एस.डी.सी. देश में कौशल विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए किस तरह से कार्य कर रही है। एनएसडीसी की कहानी जयंत कृष्णा की जुबानी....
जैसा कि आप पहले ही जानते हैं, इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश में रोजगार की बहुत जरुरत है। जितने युवाओं को रोजगार मिलेगा उतना ही अधिक देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। देश में इसी जरूरत को देखते हुए वर्ष 2013 में एन.एस.डी.सी. यानी नेशनल स्किल डेवलपमेंट काॅर्पाेरेशन की शुरुआत हुई। यह वो कदम था जिसके जरिए देश में एक बदलाव की शुरुआत हुई। एन.एस.डी.सी. एक पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप है जो कि उद्यमिता एवं कौशल विकास मंत्रालय के अधीन आता है। इसका उद्देश्य देश के युवाओं को रोजगार में सहायक कौशल शिक्षा प्रदान करना है जिससे कि युवा स्किल के जरिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार प्राप्त कर सकें। एन.एस.डी.सी. दो रूप में कार्य करता है। पहला तो हम देश के युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देने का कार्य करते हैं जो कि उनको रोजगार दिलाने में सहायक की भूमिका निभाता है। प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद अभ्यर्थी को पात्रता प्रमाणपात्र भी दिया जाता है। इसके अलावा यदि कोई ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना करना चाहता है तो उसको ऋण भी उपलब्ध कराया जाता है जिससे कि अधिक से अधिक युवा अपने कौशल विकास की शिक्षा ग्रहण कर अपने पैरों पर खड़े हो सकें क्योंकि ज्यादा से ज्यादा देशवासियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना ही एन.एस.डी.सी का मुख्य लक्ष्य है।
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि एन.एस.डी.सी. की इस मुहीम के तहत वर्ष 2015 में 1 करोड़ से अधिक युवाओं को कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण दिया गया था जिसमें कि सभी क्षेत्रों जैसे ऑटोमोबाइल, कृषि क्षेत्र, ब्यूटी थेरेपी, कुकिंग, इलेक्ट्रॉनिक, मोबाइल रोबोटिक्स, वेब, फैशन टेक्नोलॉजी, वेल्डिंग फिटर और अन्य क्षेत्रों में कौशल शिक्षा प्रदान किया गया। एन.एस.डी.सी. के कुल 24 स्किल काउंसिल बनाए गए हैं यानी 24 क्षेत्रों में हम कौशल प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। इसमें यदि ग्रामीण क्षेत्र में स्किल की बात की जाए तो कृषि के क्षेत्र में जैसे फार्म प्रैक्टिस, क्रॉप कल्टीवेशन, कीटपालन, मछलीपालन, मुर्गीपालन, फूड पैकिंग और एंटरप्रेन्योरशिप पर भी कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यदि पिछले साल के आंकड़ों की बात की जाए तो 2,00,000 से अधिक अभ्यर्थियों को कृषि क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जैसा कि सभी जानते हैं कि भारत के आर्थिक विकास में 15 प्रतिशत योगदान कृषि का है इसलिए किसानों और ग्रामीण भारत का विकास बहुत आवश्यक है। हालांकि कृषि क्षेत्र में नौकरियों के अवसर तो कम हैं लेकिन इस क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर बहुत अधिक हैं। देश की 50 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण भारत में निवास करती है जिनकी जीविका कृषि और हस्तशिल्प जैसे कार्यों पर निर्भर करती है। यही कारण है कि किसानों और ग्रामीण भारत में निवास करने वाले लोगों का विकास आवश्यक है इसलिए खासकर ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत की गई।
आपको बता दूं कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना सरकार की बहुत बड़ी योजना है। इसको हम एक फ्लैगशिप योजना कह सकते हैं। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री कौशल केंद्र स्थापित करने की भी एक और योजना अभी शुरू की गई है जिसके तहत जिलास्तर पर प्रधानमंत्री कौशल केंद्र खोले जाएंगे। इसमें हम 6 प्रतिशत की सामान्य ब्याज दर पर केंद्र को स्थापित करने के लिए 70 लाख तक का लोन मुहैया करा रहे हैं बशर्ते कि आवेदक को 2022 तक 20,000 से अधिक लोगों को अलग-अलग क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करने का वादा करना होगा।
भारत सरकार ने इस योजना के तहत 2020 तक 1 करोड़ से अधिक भारतीयों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। इसको सिर्फ एनएसडीसी और सरकार अकेले मूर्तरूप में नहीं ला सकते हैं। इसके लिए देशवासियों से सहयोग अपेक्षित है क्योंकि हमें इस देश को आगे बढ़ाना है। इसके लिए हम सबको साथ मिलकर चलना होगा। कृषि जागरण के माध्यम से मैं देशवासियों से कहना चाहूंगा कि एन.एस.डी.सी. की इस मुहीम के जरिए ज्यादा से ज्यादा भारतीय प्रशिक्षण पाकर आगे बढ़ें और अपने भविष्य को उज्जवल बनाएं। हम कौशल विकास को अधिक से अधिक देशवासियों तक कौशल को पहुंचाएंगे ताकि देश आगे बढ़ सके। हम देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।
English Summary: Our goal is to provide skill training to more and more nationals
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