कैमरे से किसी की तस्वीर खींचना यूं तो आम बात है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि धरती के हजारों फुट नीचे पानी में भी तस्वीर खींची जा सकती है ? शायद आप हैरान हो गए होंगे लेकिन यह महज एक कल्पना नहीं बल्कि हकीकत है। जी हां, एचपत कंपनी ने एक ऐसे कैमरे का निर्माण किया है जिसने लोगों की इस कल्पना को सच कर दिखाया है कि वे आसानी से पानी के नीचे गहराई में जाकर उस दुनिया को कैमरे में आसानी से कैद कर सकते हैं जहां पहुंचना आम आदमी के लिए मुश्किल है।
एचपत कंपनी अपने वाटर प्रूफ कैमरे से न सिर्फ किसानों की मदद कर रही है बल्कि कैमरे की दुनिया में भी इस कंपनी ने तहलका मचा दिया है। यह कैमरा कैसा है और यह किस तरह से काम करता है ? इन्हीं सब जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए कृषि जागरण टीम ने एचपत कंपनी प्रमुख सुभाष पटेल से बात की। प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश...
यह कैमरा कैसे काम करता है और इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालिए?
यह एक एंडोस्कोपिक कैमरा है जिसका उपयोग जमीन के अंदर किया जा सकता है। दूसरे शब्दों में कहें तो इस कैमरे के माध्यम से उन जगहों को भी देखा जा सकता है जहां तक पहुंचना किसी आम इंसान के लिए बेहद मुश्किल है। अगर हम इसकी उपयोगिता की बात करें तो यह खासकर ट्यूबवेल बोर, हैंडपंप बोर और किसी भी तरह के बोर में कारगर है। पानी के नीचे अत्यंत गहराई में चल रही गतिविधियों के साथ-साथ पानी के बहाव की गति और बोर में आने वाली समस्याओं को जानने के लिए इस कैमरे का प्रयोग किया जाता है। यह पूर्णरूप से एक वाटर प्रूफ कैमरा है और इसका केबल भी विशेष मजबूती से बनाया गया है ताकि यह टूट ना जाए। पटेल ने कहा कि हम एक इंच से लेकर चार इंच तक के कैमरे बनाते हैं।
इस कैमरे की कार्यप्रणाली क्या है?
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किसानों को सिंचाई हेतु कहीं ना कहीं मशीन या ट्यूबवैल लगाने की आवश्यकता पड़ती है जिसके लिए उसे जमीन में बोर कराना पड़ता है। कई बार ऐसा होता है कि कई कारणों से बोर करना बहुत मुश्किल होता है। जैसे बोर के अंदर पाइप का गिर जाना, काम के दौरान कुछ उपकरण गिर जाना या कोई ऐसी चीज का मिल जाना जिसके कारण बोर का कार्य प्रभावित होने लगता है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए किसान उसका उपयोग कर सकता है। इस कैमरे के माध्यम से बोर के अंदर अच्छी तरह देखा जा सकता है कि वहां की क्या स्थिति है। अगर पाइप गिर गया है तो वह किस स्थिति में पड़ा है। मौजूदा स्थिति को जांचने परखने के बाद काम करने की रणनीति बनाई जा सकती है।
कैमरे को संचालित करने के लिए अन्य किन उपकरणों की आवश्यकता होती है?
इस कैमरे के साथ मॉनीटर डिस्प्ले, पावर सप्लाई और कंटेनर बॉक्स की जरूरत पड़ती है। इन उपकरणों को हम कैमरे के साथ ही उपलब्ध करवाते हैं क्योंकि इन उपकरणों के बिना हम पानी के अंदर की गतिविधियों को जानने में अक्षम हैं।
अन्य कंपनियों की तुलना में आपकी कंपनी के उत्पाद कितने बेहतर हैं?
यह सही है कि इस क्षेत्र में सिर्फ हमारी कंपनी ही नहीं बल्कि अन्य कंपनियां भी इस तरह के कैमरे बनाती हैं। हालांकि हमारा कैमरा उनसे हर मायने में बेहतर है क्योंकि हमारे कैमरे की क्षमता और केबल की मजबूती अन्य कंपनियों द्वारा बनाए जाने वाले कैमरों की तुलना में अधिक है। इतना ही नहीं हमारे उत्पादों के रख-रखाव में भी बहुत कम खर्च आता है जिससे किसानों का बजट भी नहीं बिगड़ता है। यदि कीमत की बात करें तो मेरा दावा है कि जितने कम बजट में हम यह उपकरण उपलब्ध कराते हैं अन्य कंपनियां नहीं कराती हैं। कई कंपनियां अधिक मूल्य वसूलती हैं जबकि उनका उत्पाद उच्च गुणवत्तायुक्त भी नहीं होता। कई बार ऐसा भी होता है कि किसान प्रोडक्ट तो ले लेता है लेकिन बाद में उसमें कई तरह की खामियां आने लगती हैं। हमारे कंपनी के प्रोडक्ट में अभी तक ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। हम अपने उत्पादों पर विभिन्न गारंटी पीरियड भी ऑफर करते हैं।
किसानों की आपके उत्पाद को लेकर अब तक क्या प्रतिक्रियाएं हैं ?
हमारे प्रोडक्ट से किसान बहुत खुश हैं और अब तक किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। इसके परिणामस्वरूप हम बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं। अगर देखा जाए तो अब बोर में होने वाली समस्या लगभग खत्म हो रही है क्योंकि हमारे उत्पाद से किसान बोर की समस्या से निजात पा रहे हैं। यही कारण है कि हमने अपने उत्पादों को नेपाल और भूटान में निर्यात किया है और जल्द ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ्रीका में भी करने वाले हैं।
किसान आपके उत्पाद को कहां से प्राप्त कर सकते है ?
किसान हमारे उत्पादों को हमारी वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन खरीद सकते हैं और हमारे पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करके मंगवा सकते हैं। हम अभी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में अपने उत्पाद उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा पूरे भारत में कहीं से भी किसान इसको मंगा सकता है।
English Summary: It is possible to take photographs in water: Subhash Patel
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