नए अनुसंधानों से कृषि में बदलाव
कृषि परिवर्तन के लिए नवाचार विषय पर 14वां कृषि विज्ञान कांग्रेस चार दिन के लिए फरवरी के तीसरे सप्ताह होने जा रहा है. यह 20 से 23 फरवरी को कृषि विज्ञान की राष्ट्रीय अकादमी (नास), नई दिल्ली में होने जा रहा है.
कृषि जागरण ने इस कांग्रेस के संयोजक सचिव डॉ अशोक कुमार सिंह से मुलाकात की और डॉ सिंह ने बताया की :-
इस 14वें एग्रीकल्चर साइंस कांग्रेस के लिए जिन थीम क्षेत्रों का चुनाव किया गया है उनमे प्रमुख हैं - प्लांट साइंसेज;फील्ड क्रॉप्स, प्लांट साइंसेज (हॉर्टिकल्चर क्रॉप्स), नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट, प्लांट प्रोटेक्शन ए फ़ूड साइंसेज एंड वैल्यू अद्दितीओ एनिमल साइंसेज ( लाइवस्टॉकए डेरी एंड पोल्ट्री), फिशरीज़ एइंजीनियरिंग एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी सोशल साइंसेज और एग्रीकल्चरल एजुकेशन.
डॉ अशोक कुमार सिंह, जो स्कूल ऑफ़ क्रॉप इम्प्रूवमेंट के कोऑर्डिनेटर होने के साथ ही जेनेटिक्स डिवीज़न के हेड भी हैं उन्होंने बताया की इस 14 वें कृषि विज्ञानं कांग्रेस के विशेष आकर्षण है पैनल डिस्कशन छात्रों का इलोकशन कांटेस्ट किसानों के लिए विशेष सत्र ए पोस्टर का प्रदर्शन और कृषि प्रदर्शनी.
डॉ सिंह ने बताया की इस आयोजन से कृषि वैज्ञानिकों और कृषि छात्रों के अधिक संख्या में भाग लेने की उम्मीद है अभी हाल ही में कृषि विज्ञान की राष्ट्रीय अकादमी के अध्यक्ष प्रोफेसर पूण जब सिंह ने कृषि वैज्ञानिकों और छात्रों से आग्रह किया की वह अधिक से अधिक संख्या में इसमें भाग ले कर किसानों को प्रयोगशालाओं में विकसित कृषि के लिए नयी जानकारी को खेत में उसके द्वार लाभान्वित करें.
डॉ सिंह ने कृषि जागरण को एक पोस्टर भी दिया जिसमें इस कृषि विज्ञान कांग्रेस के बारे में तथा यह किन विषयों को लेकर इसका आयोजन किया गया है के बारे में भी बताया.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के सहयोग से 20 फरवरी से 23 फरवरीए 2019 तक कृषि परिवर्तन के लिए नवाचार विषय पर नई दिल्ली में 14 वें कृषि विज्ञान कांग्रेस का आयोजन करेगा। चार दिवसीय कार्यक्रम में तकनीकी सत्रए पूर्ण सत्र सार्वजनिक व्याख्यान किसान सत्र पोस्टर प्रस्तुतिकरण अंतर विश्वविद्यालिय छात्र पात्रता प्रतियोगिता पैनल चर्चा और उपग्रह बैठकों की संख्या शामिल होगी। इसके अलावाए 2019 प्रदर्शनी इस कांग्रेस में एक बड़ी घटना होगी। शोधकर्ताओं ने संकायों के नीति निर्माताओं, किसानों, उद्यमियों, विकास विभागों, कॉर्पोरेट और निजी क्षेत्र के नेताओं, एनजीओ और छात्रों के विषयों में बड़ी संख्या में प्रतिभागी अकादमी की इस द्विवार्षिक कांग्रेस में भाग लेंगे।
कांग्रेस का विषय कृषि परिवर्तन के लिए नवाचार 2022 तक न्यू इंडिया और डबलिंग फार्मर्स इनकम बनाने के राष्ट्रीय पूरक वादों का केंद्र है। न्यू इंडिया को भूख, कुपोषण, गरीबी और घोर असमानताओं से मुक्त होना चाहिए और कृषि इन स्थायी विकृतियों से देश को मुक्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है। कांग्रेस भारत को फिर से जोड़ने के लिए कृषि और खाद्य प्रणालियों को बदलने के लिए आलोचनात्मक विघटनकारी नवाचारों की चर्चा करने और गंभीर रूप से समृद्ध बहु-हितधारक मंच प्रदान करेगी।
हरित क्रांति के इस एग्रीकल्चर साइंस कांग्रेस में समावेश पर पूछने के बारे में बताया कि हरित क्रांति से जीन क्रांति तक की यात्रा को दर्शाते हुए कांग्रेस उत्पादकता, लाभप्रदता, स्थिरता और समावेशिता के सर्वांगीण त्वरण को चलाने के लिए नवाचारों की आवश्यकता को रेखांकित करेगी। आनुवांशिक वृद्धि में छलांग के अलावा सटीक कृषि, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, जलवायु स्मार्ट कृषि, मशीनीकरण, सूक्ष्म सिंचाई (प्रति बूंद अधिक फसल) आईसीटी डिजिटल प्रौद्योगिकी, किसान बाजार, संपर्क मूल्य श्रृंखला और फसल के बाद प्रबंधन में नवाचार नवीकरणीय ऊर्जा मूल्य वसूली और निश्चित रूप से किसानों की शुद्ध आय की विधिवत चर्चा की जाएगी।
न्यू इंडिया को भूख, कुपोषण, गरीबी और भयावह असमानताओं से मुक्त होना चाहिए और कृषि इन स्थायी विकृतियों से देश को मुक्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है। कांग्रेस भारत को फिर से जोड़ने के लिए कृषि और खाद्य प्रणालियों को बदलने के लिए आलोचनात्मक विघटनकारी नवाचारों की चर्चा करने और गंभीर रूप से समृद्ध बहु-हितधारक मंच प्रदान करेगी। कांग्रेस भारत की लगभग 50 प्रतिशत आबादी के लिए न केवल रोजगार और आजीविका सुरक्षा के मुख्य स्रोत के रूप में कृषि का प्रदर्शन करेगीए बल्कि 2025 तक दुनिया में सबसे बड़ा होने के लिए उभरेगी लेकिन एक व्यापार अवसर सेवा प्रदाता उद्योग और पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में भी।
डॉ सिंह का कहना था की जनवरी 2019 के शुरुआत में ही चंडीगढ़ में हुए 106 वें साइंस कांग्रेस अधिवेशन में प्रधान मंत्री जी ने किसानो के लिए कृषि विज्ञान की मेहता का वर्णन करते हुए एक नया नारा दिया क्योंकि अटल जी पहले के प्रधान मंत्री जी ने फौज और विज्ञान के मध्य नजर कहा था की जय जवान जय विज्ञान इसी तरह से किसानो को महत्व देते हुए श्री लाल बहादुर शास्त्री ने भी एक नारा दिया था की जय जवान जय किसान और विज्ञान के महत्व को देखते हुए आज के प्रधान मंत्री मोदी जी ने कहा है की जय किसानए जय विज्ञान और जय अनुसन्धान को जोड़ कर इस बात की और इशारा किया की कृषि में नए अनुसंधानों से किसानो का भला हो सकता है इसी लिए फरवरी के तीसरे सप्ताह में ही इस एग्रीकल्चर साइंस कांग्रेस का आयोजन कर कृषि विज्ञान की सहायता से कृषि में नवाचार ला कर उसको नयी उंचाईओं तक पहुंचना है जिससे उसमे वांछित बदलाव लाये जा सके.
पंजीकरण और अन्य विवरण पूछने के बारे में बताया कि इंटरनेशनल डेलिगेट्स यूएस $ 250 के लिए डेलिगेट्स पंजीकरण शुल्कए अंतर्राष्ट्रीय छात्र और अनुसंधान विद्वान यूएस $ 150ए इंटरनेशनल. एक साथ आने वाले व्यक्ति यूएस $ 150ए नेशनल ₹ 8000ए नेशनल. साथ आने वाले व्यक्ति ₹ 4000ए राष्ट्रीय छात्र और रिसर्च स्कॉलर 4000 ऑन स्पॉट पंजीकरण ममे 10000 ए और कॉर्पोरेट पंजीकरण ₹ 20000। ’ कृपया ऑनलाइन पंजीकरण करें और ऑनलाइन भुगतान गेटवे का उपयोग करके भुगतान करें। स्पॉट पंजीकरण को छोड़कर कोई भी ऑफ.लाइन पंजीकरण स्वीकार नहीं किया जाएगा। ’ प्रत्येक पंजीकृत.भुगतान प्रतिनिधि 20.23 फरवरीए 2019 से नई दिल्ली में ग्प्ट कृषि विज्ञान कांग्रेस में केवल एक पोस्टर पेश करने का हकदार है। अधिक जानकारी के लिए डॉ अशोक सिंह, आयोजक, सचिव कांग्रेस सचिवालय, नई दिल्ली - 110012 पर संपर्क करें -
यहां पर क्लिक करे: asc2019@[email protected]
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