लहलाते खेत देखकर किसान का दिल कितना खुश होता है यह वही बता सकता है. खेतों में इन लहलाती फसलों के पीछे कितनी मेहनत लगती है. एक किसान से बेहतर कोई नहीं जानता. किसानों की इसी ख़ुशी को बरक़रार रखने के लिए मेंहनत कर रही कंपनी है रोटरी के ब्लेड बनाने वाली कंपनी टाईयों इंडिया. आधुनिक कृषि में रोटरी का इस्तेमाल बहुत जरुरी हो गया है.
किसान रोटरी के उपयोग से अच्छी पैदावार ले रहे है. इसमें लगे तेज ब्लेड्स के माध्यम से मिटटी को बारीक़ और उपजाऊ बना देता है. इसके ब्लेड्स की गुणवत्ता बहुत मायने रखती है. रोटावेटर तकनीक को और मजबूत बनाने के लिए गुणवत्ता वाले मजबूत रोटरी ब्लेड्स उपलब्ध करा रही है टाईयो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड. लगभग 63 साल पहले जापान से इस कंपनी की शुरुआत हुई. अपने 60 वर्ष पूरे होने के साथ साल 2013 में भारत के नीमराना, राजस्थान में अपनी उत्पादन यूनिट की शुरुआत की. कंपनी के जीएम मार्केटिंग शक्ति माथुर ने कंपनी की भारत में गतिविधियों के विषय में बताया. शक्ति माथुर बताते है कि .........
टाईयो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत एक उद्देश्य के साथ हुई जिसका मुख्य लक्ष्य था भारतीय किसानों को रोटरी टिलर के विश्व स्तरीय ब्लेड्स उपलब्ध कराना है. भारत का कृषि बाजार बहुत बड़ा है यहाँ पर किसी भी नई कंपनी की शुरुआत करना अच्छा है, लेकिन किसी चैलेंज से भी कम भी नहीं है. हमें शुरुआत में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा क्योंकि भारतीय बाजार कम गुणवत्ता वाले ब्लेड से भरा पड़ा है, यानि कम मूल्य में बेकार गुणवत्ता वाले उत्पाद. चूंकि हमारे ब्लेड्स का मूल्य लोकल ब्लेड की अपेक्षा अधिक है तो डीलर्स का मिलना थोडा मुश्किल रहा. शुरुआत में ग्राहकों ने हमें लोकल ब्लेड निर्माताओं की तरह से समझना शुरू किया जिससे उनको समझाने में बड़ी परेशानी हुयी.
भारतीय किसानो को गुणवत्ता अच्छे से समझ में आ जाती है. इसके लिए हम भारतीय सरकार से उम्मीद करते है कि उनको चाहिए की किसानों को शिक्षित करे और नई तकनीकों के विषय में बताना चाहिए. यदि कोई कंपनी अच्छे उत्पादों का निर्माण करती है तो सरकार को उनके साथ मिलकर किसानों को बताने के लिए कार्य करना चाहिए. जैसा की भारतीय प्रधानमंत्री का सपना है किसानों की आय को दुगुना करना इसके लिए हम किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले ब्लेड्स उपलब्ध करा रहे है, जिससे उनकी आय दुगुनी होगी. यदि किसान अच्छे ब्लेड का इस्तेमाल करेंगे तो रोटरी की कार्यक्षमता और बेहतर होगी जिससे की ट्रेक्टर में कम इंधन खपत होगी और उनको अच्छा उत्पादन मिलेगा. इससे खर्च भी कम आयेगा. यदि अब से दस साल पहले की किसानों की स्थिति की बात करें तो वो अपनी परंपरागत खेती में खुश थे. क्योंकि कृषि की नवीन तकनीकों के विषय में उस समय कम जानकारी थी. जैसा की आप जानते है कृषि के क्षेत्र में बहुत नवीन तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है. इसके लिए सरकार भी लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रही है. इन्टरनेट के और सोशल मीडिया के जरिए किसानो को जानकारी दी जाती है. यदि देखा जाए तो अब से 10 साल बाद किसानो में काफी बदलाव होंगे. नई पीढ़ी और बेहतर वैज्ञानिक तरीकों से खेती करेंगे.
यहाँ पर मै आपको बताना चाहूँगा यह प्रतिद्वंदिता का दौर है. जहाँ तक हमारे प्रतिद्वंदीयों का सवाल है तो हम किसी को प्रतिद्वंदी की नजर से नही देखते है. क्योंकि हमारी गुणवत्ता मानक और व्यवसाय प्रशिक्षण दूसरों से बिल्कुल अलग है. हम अपना खुद का मार्किट वैल्यू बना रहे है . इसके लिए अपनी टीम को स्वयं तैयार कर रहे है. बाजार में आजकल आप देखते है की किसान कुछ भी सामान तो खरीदने जाते है लेकिन कम जानकारी के अभाव में वो बिना गुणवत्ता वाले उत्पाद खरीद लाते है. मै यहाँ पर किसानों को कहना चाहूँगा की यदि कोई भी कृषि उत्पाद या फिर रोटरी के ब्लेड ख़रीदे तो जांच परखकर तब ख़रीदे.
English Summary: Interview
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