स्वामीनाथन आयोग के सुझावों के तहत किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने के लिए दिल्ली सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है. उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा कि 'स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य है. दिल्ली के किसानों को फसल की उत्पादन लागत का डेढ़ गुना 'न्यूनतम समर्थन मूल्य' के रूप में दिया जाएगा. बता दें कि दिल्ली के किसानों के लिए 'स्मार्ट कृषि' योजना की भी घोषणा की गई है. इस योजना के तहत किसानों को अधिक उपज और अधिक गुणवत्ता वाली कृषि फसलों के लिए प्रौद्योगिकी की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी.
दिल्ली के गांवों के बुनियादी विकास के लिए बजट में 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. साथ ही कृषि, ग्रामीण विकास के लिए 749 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव किया गया है. बजट पेश होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ' किसानों को उनकी फसल के पूरे दाम मिलने चाहिए. अगर किसानों को उनका हक मिलता है तो फिर उन्हें सरकार या बैंक से किसी भी तरह के कर्ज की जरूरत नहीं होगी. इसी के मद्देनजर दिल्ली सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू कर रही है और उम्मीद है कि दूसरी राज्य सरकारें भी किसानों को न्याय देने के लिए स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करेगी.
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार किसानों के लिए एक नई योजना 'स्मार्ट कृषि' योजना शुरू करने जा रही है, इसके तहत किसानों को अधिक उपज और अधिक गुणवत्ता वाली कृषि फसल के लिए तकनीक की जानकारी दी जाएगी और जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी.
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों की मुख्य बातें
किसानों को फसल उत्पादन मूल्य से 50 फीसद ज़्यादा दाम मिले.
किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज कम दामों में उपलब्ध कराए जाएं.
गांवों में किसानों की मदद के लिए 'विलेज नॉलेज सेंटर' या 'ज्ञान चौपाल' बनाया जाए.
महिला किसानों के लिए 'किसान क्रेडिट कार्ड जारी' किए जाएं.
किसानों के लिए कृषि जोखिम फंड बनाया जाए, ताकि बाढ़ आने या सूखा पड़ने पर किसानों को मदद मिल सके.
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