
Surya Mitra Krishi Feeder Yojana: भारत में खेती को आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाने की दिशा में केंद्र और राज्य सरकारें लगातार प्रयासरत हैं. इसी क्रम में मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती, सतत और स्थायी बिजली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से "सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना" की शुरुआत की है. यह योजना राज्य के किसानों को न केवल दिन में पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराएगी, बल्कि उन्हें बिजली उत्पादक बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में भी काम करेगी.
क्या है सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना?
सूर्य मित्र योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों के खेतों में सोलर आधारित कृषि पंपों के लिए अलग सौर ऊर्जा फीडर तैयार करना है. इससे किसानों को दिन के समय ही स्थायी बिजली मिलेगी और उन्हें रात में सिंचाई करने की आवश्यकता नहीं रहेगी. योजना के तहत ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सोलर फीडर से जोड़ा जाएगा, जिससे बिजली वितरण की पारंपरिक चुनौतियां जैसे ओवरलोडिंग, लो वोल्टेज और पावर कट से निजात मिलेगी.
किसान बनेंगे ऊर्जा उत्पादक
मध्य प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने योजना की जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना किसानों को न केवल बिजली उपभोक्ता, बल्कि बिजली उत्पादक भी बनाएगी. किसान अपने खेत में सोलर प्लांट लगाकर बिजली का उत्पादन कर सकते हैं और सरकार को बिजली बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त कर सकते हैं.
योजना के अंतर्गत क्या-क्या होगा?
- फीडर स्तर पर सोलर प्लांट स्थापित किए जाएंगे.
- सौर ऊर्जा से सीधे 11 केवी ग्रिड को बिजली मिलेगी.
- अब तक 8000 कृषि फीडर्स पर करीब 35 लाख कृषि पंप संचालित हो रहे हैं.
- इन फीडर्स पर चरणबद्ध तरीके से सौर संयंत्र लगाए जाएंगे.
- किसानों को दिन में स्थायी बिजली मिलेगी.
किसानों को क्या लाभ होंगे?
- दिन में सिंचाई का अवसर, जिससे रात्रिकालीन परेशानी से मुक्ति.
- सस्ती और स्थायी बिजली, जिससे उत्पादन लागत घटेगी.
- बिजली के भारी-भरकम बिल से निजात.
- अतिरिक्त आय अर्जन का अवसर – किसान बिजली बेच सकेंगे.
- फसल उत्पादकता में वृद्धि और समय की बचत.
- बिजली कटौती, लो वोल्टेज जैसी समस्याओं से राहत.
वोकल फॉर लोकल को मिलेगा बढ़ावा
इस योजना में स्थानीय उद्यमियों और निवेशकों को भी जोड़ा जा रहा है. वे सौर परियोजनाओं में निवेश कर सकते हैं और सरकार के साथ 25 वर्षों तक विद्युत क्रय अनुबंध (PPA) कर सकते हैं. यह पहल “वोकल फॉर लोकल” को बढ़ावा देने और स्थानीय रोजगार के नए अवसर पैदा करने में सहायक होगी.
आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण
- एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के अंतर्गत निवेशकों को 3% ब्याज में छूट दी जाएगी.
- बैंकों, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ MoU साइन किए गए हैं.
- जून 2024 में GIZ के सहयोग से 100 से अधिक डेवलपर्स को प्रशिक्षण भी दिया गया.
- सरकार द्वारा निविदा प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, ताकि निजी कंपनियां भी योजना में भाग लें.
अब तक की उपलब्धियां
अब तक सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना के तहत उल्लेखनीय प्रगति देखने को मिली है. वर्तमान में 80 मेगावाट की परियोजनाएं पूरी तरह से स्थापित होकर सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं, जिससे 16,000 से अधिक कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से बिजली मिल रही है. इसके अतिरिक्त 240 मेगावाट की परियोजनाएं स्थापना की प्रक्रिया में हैं, जबकि 200 मेगावाट की परियोजनाएं अभी प्रक्रियाधीन हैं. इन सभी परियोजनाओं के पूर्ण रूप से लागू हो जाने पर एक लाख से अधिक कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जा सकेगा, जिससे किसानों को दिन में सस्ती, स्थायी और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी.
कुसुम योजना के साथ समन्वय
सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना को प्रधानमंत्री कुसुम योजना के पूरक के रूप में तैयार किया गया है, जिससे राज्य में किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से अधिकतम लाभ मिल सके. मध्य प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि कुसुम योजना के तहत 3.45 लाख पंपों का सोलराइजेशन किया जाए, जबकि शेष 2.45 लाख पंपों को सूर्य मित्र योजना के अंतर्गत कवर किया जाए. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम ने 1200 मेगावाट की सौर परियोजनाओं की निविदा प्रक्रिया आरंभ कर दी है. इस समन्वय से राज्य में किसानों को दिन के समय निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने के साथ-साथ ऊर्जा उत्पादन और उपयोग में आत्मनिर्भरता भी हासिल होगी.
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