अयोध्या को लेकर आज भारत ही नहीं बल्कि देश से बाहर रह रहे भारतवासियों में भी इस नगरी को सजाने और संवारने के लिए एक अलग ही उत्साह देखा जा सकता है. देश में जब से अयोध्या में राम मंदिर बनने की पहल शुरू हुई है तब से राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही अलग-अलग तरह की योजनाओं के माध्यम से भगवान राम की नगरी को सभी तरह की सुविधाओं से सजाने के प्रयास में लगी हुई हैं. अब श्रीराम की इस नगरी के लिए सरकार एक अलग योजना की शुरुआत करने जा रही है. सरकार अब अयोध्या को प्रदूषण से दूर रखने के लिए और बिजली की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए इसे सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है.
41 गावों के माध्यम से होगा उत्पादन
सरकार ने इस योजना के लिए अयोध्या के 41 गावों का चयन कर लिया है. इन्हीं गावों में सोलर पैनल से लेकर विद्युत उत्पादन के अन्य बहुत से सोलर रूम को स्थापित कर विद्युत निर्माण को अयोध्या नगरी के उपयोग में लाया जायेगा. इसी योजना में सरकार ने सरयू नदी से सटे हुए 2 गांवों को चिन्हित किया है जिनमें एक बड़े विद्युत प्लांट के माध्यम से 28 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा. इससे पूरे जिले में होने वाली बिजली की खपत में से 10 प्रतिशत तक की बचत होने की संभावना है.
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सब्सिडी योजना की भी है तैयारी
सरकार इस योजना के तहत अभी 500 स्ट्रीट लाइटों के साथ ही कई चार्जिंग स्टेशन एवं अन्य तरह की विद्युत चालित योजनाओं को चलाएगी. सरकार ने ख़ास अयोध्या में रहने वाले लोगों के लिए सब्सिडी की योजना को भी चलाई हुई है जिसके तहत सोलर पैनल लगवाने वाले लोगों को अलग से राहत दी जाएगी.
सोलर क्रूज का आनन्द लेंगे पर्यटक
सरकार राम नगरी में सोलर क्रूज और सोलर बोट चलाने की योजना बना रही है. इसके लिए NTPC ग्रीन एनर्जी ने वहां पर काम की शुरुआत भी कर दी है. अयोध्या में चलने वाले क्रूज पूरी तरह से सोलर ऊर्जा से ही संचालित किए जायेंगे.
सरकार श्रद्धालुओं की इस राम नगरी को पूरी तरह से हाईटेक सिटी के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रही है. साथ ही इस दिशा में लगातार काम भी जारी है.
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