केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद वहां पर आर्थिक विकास को तेज रफ्तार देने के लिए हर तरह की संभव कोशिश की जा रही है. इसी के मद्देनजर अब केंद्र सरकार एक नई तरह की योजना पर विचार कर रही है जिसके तहत जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में किसी भी राज्य की सरकार और उद्यमी की ओर से मेगा फूड पार्क लगाने पर केंद्र सरकार की तरफ से 75 प्रतिशत की सब्सिडी को प्रदान किया जाएगा. इस तरह की घोषणा से फूड सेक्टर जरूर जम्मू-कश्मीर में उद्यम स्थापना पर काफी जोर देगा.
रोड शो के जरिए देगें जानकारी
केंद्रीय फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा है कि केंद्र सरकार नहीं चाहती है कि किसी भी तरह से जम्मू-कश्मीर में उत्पादित किसी भी तरह के खाद्यन की बर्बादी हो. साथ ही इस योजना के बारे में यहां के स्थानीय निवासियों को रोड शो के सहारे सारी जानकारी प्रदान की जाएगी. इससे लोगों को काफी जागरूकता भी मिलेगी.
इन्वेसर्टस समिट पर विचार
केंद्र सरकार जम्मू- कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में आर्थिक विकास को तेजी से गति देने के लिए जल्द ही इन्वेंसर्टस समिट का आयोजन करने पर भी विचार कर रही है. केंद्र सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में निवेशकों को जम्मू -कश्मीर के विकास के लिए आमंत्रित किया जाए. केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि यहां पर कम से कम एक लाख करोड़ रूपये का निवेश हो. इस अहम समिट में एग्रीकल्चर, फूड, फिल्म इंडस्ट्री, हार्वेस्टिंग टेक्नोल़ॉजी,, टूरिज्म, आई टी, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और हेल्थकेयर जैसे सेक्टर पर फोकस रहेगा. सरकार ने कहा है कि उनकी तरफ से 2 हजार से भी ज्यादा मेहमानों को इस समिट में शामिल होने का निमंत्रण किया जाएगा.
मेगा फूड पार्क स्कीम
मेगा फूड पार्क स्कीम का उद्देश्य सभी किसानों, प्रसंस्करण, और खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाते हुए कृषि उत्पादन को बाजार से जोड़ने के लिए एक तंत्र को उपलब्ध करवाना है. यह पूरी स्कीम क्लस्टर पर आधारित इसमें पार्कों में सुस्थापित आपूर्ति श्रृंखला के साथ उपलब्ध औद्योगिक भूखंडों में प्रसंस्करण यूनिटों की स्थापना के लिए बागवानी क्षेत्र में अधोसंरचना के सृजन की परिकल्पना की गई है. इसके अंतर्गत प्रसंस्करण केंद्रों, शीत श्रृंखला और उद्यमियों के द्वारा खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों की स्थापना की अवसंरचना शामिल है.
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