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PKVY 2022: इस योजना के तहत अब किसानों के आर्थिक समस्या का होगा समाधान, मिलेगी बड़ी राहत

देश के किसानों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए और खेती-बाड़ी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कई तरह की नई-नई योजनाओं को लागू करती रहती है. इन्हीं में से एक परम्परागत कृषि विकास योजना है, जिसमें किसान भाइयों को जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है.

लोकेश निरवाल
लोकेश निरवाल
परम्परागत कृषि विकास योजना
परम्परागत कृषि विकास योजना

देश के किसानों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए और खेती-बाड़ी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कई तरह की नई-नई योजनाओं को लागू करती रहती है. इन्हीं में से एक परम्परागत कृषि विकास योजना है, जिसमें किसान भाइयों को जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है.

आपको बता दें कि पारंपरिक खेती की तुलना में किसानों के लिए जैविक खेती करना बेहद लाभकारी है. क्योंकि जैविक खेती में कम कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इस खेती में नाइट्रेट की लीचिंग में पानी की मात्रा भी कम लगती है. इस सब फायदों को देखते हुए सरकार के द्वारा किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

परम्परागत कृषि विकास योजना क्या है? (What is Paramparagat Krishi Vikas Yojana?)

परम्परागत कृषि विकास योजना के द्वारा किसानों को सरकार के सीधे आर्थिक रूप से मदद प्राप्त होगी. जिसमें किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोहत्साहित किया जाता है. अगर सीधे तौर पर कहा जाए तो परम्परागत कृषि विकास योजना जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता देती है.

परम्परागत कृषि विकास योजना की शुरूआत (Paramparagat Krishi Vikas Yojana launched)

परम्परागत कृषि विकास योजना की शुरूआत साल 2015-16 में  रसायनिक मुक्त जैविक खेती को क्लस्टर मोड में बढ़ावा देने के लिए किया गया था.

आपको बता दें कि यह योजना सॉइल हेल्थ योजना के अंतर्गत शुरू की गई है. इस योजना का मुख्य उद्धेश्य मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाना है. इसके अलावा इस योजना में क्लस्टर निर्माण, क्षमता निर्माण, आदनों के लिए प्रोत्साहित और विपरण के लिए सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता दी जाएगी.

आर्थिक सहायता (Subsidies)

  • क्लस्टर निर्माण, क्षमता निर्माण, आदनो के लिए प्रोत्साहन, मूल्यवर्धन और विपरण के लिए 50हजार रूपए प्रति हेक्टेयर 3 वर्ष के लिए.
  • जैविक उर्वरकों, कीटनाशकों, बीजों आदि की खरीद के लिए 31हजार रूपए प्रति हेक्टेयर 3 वर्ष के लिए.
  • मूल्यवर्धन और विपरण के लिए 8800रूपए प्रति हेक्टेयर 3 वर्ष के लिए.

 आपको बता दें कि इस योजना के अंतर्गत पिछले 4 सालों में लगभग 1197 करोड़ रूपए खर्च किये जा चुके है. यह सब धन राशि किसानों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है.  

किन लोगों को इस योजना से मिलेगा लाभ

सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए व्यक्ति को भारत का नागरिक होना बेहद जरूरी है. इसके अलावा यह योजना सिर्फ किसान भाइयों के लिए है, इसलिए आपको देश का किसान भी होना अवश्यक है. साथ ही आपकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए.

जरूरी दस्तावेज (required documents)

  • निवास प्रमाण पत्र

  • आधार कार्ड

  • आय प्रमाण पत्र

  • बैंक खाता

  • राशन कार्ड

  • मोबाइल नंबर

  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ

आवेदन की प्रकिया (Application Process)

परम्परागत कृषि विकास योजना के लिए आवेदन आप ऑनलाइन के माध्यम से कर सकते है.

  • इसके लिए आपको सरकार के द्वारा जारी की गई परम्परागत कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा.

  • सर्वप्रथम आपको समक्ष होम पेज खुलेगा.

  • इसके बाद अप्लाई नाउ के विकल्प पर क्लिक करे और फिर आपके सामने इस योजना का आवेदन फॉर्म खुल जाएंगा.

  • फॉर्म में पुछी गई सभी जानकारी को विस्तार से भरकर और जरूरी दस्तावेंजो को अपलोड करें.

  • इसके बाद आपको सबमिट के बटन पर क्लिक करना होगा.

  • इस प्रकार से आप परम्परागत कृषि विकास योजना के आवेदन फॉर्म को आसानी से भर पाएंगे.

  • ध्यान रहें कि आप अपना यूरजआईडी और पासवर्ड न भूले. क्योंकि इनके  द्वारा ही आप इस योजना से संबंधित अपनी सभी लाभों को जान सकते हैं.

English Summary: PKVY 2022, Under this scheme, now the economic problem of farmers will be solved Published on: 11 February 2022, 05:44 IST

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