देश में केमिकल आधारित खेती पर निर्भरता लगातार बढ़ती जा रही है. अनाजों के साथ ही विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती में भी पेस्टिसाइड का भरपूर उपयोग किया जा रहा है. केमिकल आधारित खेती पर्यावरण के साथ-साथ मनुष्य में कई बीमारियों को दावत दे सकती है. इसलिए केन्द्र सरकार जैविक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए सरकार ने परंपरागत कृषि विकास योजना शुरू की है. इस योजना के तहत जैविक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा. जो किसान जैविक खेती के प्रति अपनी रूचि दिखाएंगे उन्हें बाद में जैविक खेती करने की बारीकियां सिखाई जाएगी. साथ ही सरकार किसानों जैविक खेती के लिए बीज, खाद और जैविक उर्वरक भी उपलब्ध कराएगी.
क्या है परंपरागत कृषि विकास योजना (What is Paramparagat Krishi Vikas Yojana)
परंपरागत कृषि विका योजना सरकार ने आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए शुरू की है. दरअसल, सरकार का मानना है रासायनिक खेती की वजह से एक तरफ मिट्टी की उपजाऊ क्षमता पर असर पड़ रहा है. वहीं मानव स्वास्थ्य पर भी इसका विपरीत असर पड़ रहा है. कृषि वैज्ञानिक डॉ. संजीव कुमारी का कहना है कि परंपरागत कृषि विकास योजना वो योजना है जिसमें फसल उगाने के लिए केमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग नहीं करते हैं. उनका कहना है कि रासायनिक खेती से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता कम होती है. परंपरागत कृषि योजना को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है. यह योजना मार्च 2015 में शुरू हुई थी और 10 दिसंबर 2015 को इसमें बदलाव हुआ था.
कैसे काम करेगी यह योजना
कृषि वैज्ञानिक डॉ. संजीव कुमारी का कहना है कि इस योजना में किसानों को सीधे पैसा नहीं दिया जाएगा बल्कि जैविक ग्राम या जैविक समूह बनाकर किसानों तक इस योजना का लाभ पहुंचाया जाएगा. यह योजना सिंगल किसान की बजाय एक क्लस्टर यानी एक ग्रुप के लिए है. एक क्लस्टर में 50 एकड़ जमीन होगी. एक क्लस्टर में कम से कम 20 और अधिक से अधिक 50 किसान शामिल हो सकते हैं.
राज्य का कृषि विभाग करेगा मदद
इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने लगभग 300 करोड़ रुपये का बजट पास किया था. यह बजट पूरे भारत के किसानों के लिए था. इसका उद्देश्य जैविक खेती को बढ़ाना है. डॉ कुमारी ने कहा कि यह अलग तरह की पहली योजना है. जिसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा. दरअसल, इस योजना के अंतर्गत किसानों को सीधा पैसा नहीं मिलेगा बल्कि किसानों को जैविक बीज, जैविक कीटनाशक के साथ जैविक खेती के लिए आवश्यक उपकरण सीधे उपलब्ध कराए जाएंगे. जैविक खेती के लिए राज्य का कृषि विभाग किसानों को गाइड करेगा. किसानों के समूह को जैविक बीज, जैविक खाद, स्प्रे और उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे. जैविक खेती करने के तरीकों के साथ किसान अपनी उपज की ब्रांडिंग करने और बेचने के तरीके भी सिख पाएंगे.
अधिक जानकारी:
परंपरागत कृषि विकास योजना का लाभ उठाने के लिए अपने राज्य के कृषि विभाग में संपर्क करें. मध्य प्रदेश के किसान यहां संपर्क करें.
http://mpkrishi.mp.gov.in/Directory/DirectoryDisplay.aspx?flag=1
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