देश के ऐसे कई हिस्से हैं जहां किसानों के पास खेती करने के लिए कृषि उपकरण नहीं हैं और ना ही वे महंगी मशीनें (Agriculture Machinery) लेने के लिए सक्षम हैं. जिस वजह से वे इतनी मेहनत करने के बाद भी मुश्किल से दो वक्त की रोटी जुटा पाते हैं. लेकिन अब पटना़ (Patna) राज्य की सभी प्राथमिक कृषि कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी (Primary Agricultural Cooperative Credit Society) जिसे पैक्स (PACCS) के नाम से भी जाना जाता है, के पास खुद के कृषि उपकरण (Agriculture Equipments) होंगे.
अब 2927 पैक्स में कृषि संयंत्र बैंक (Agricultural Plant Bank) स्थापित होने जा रहे हैं. जिसमें हर पैक्स अपने क्षेत्र में सबसे ज्यादा होने वाली फसल (Crop) के हिसाब से कृषि कार्य (Agriculture Work) के लिए उपकरण खरीदे सकेंगे. इस योजना में वित्तीय वर्ष (Financial Year) 20-21 के लिए 439.05 करोड़ रुपए दिए गये हैं.
बिहार में गरीब किसानों के पास खेती- बाड़ी के लिए करने के लिए मशीनें नहीं है. किसानों की इसी समस्या को देखते हुए, बिहार मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना (Green Agricultural Plant Scheme) को 24 अगस्त, 2018 को शुरू किया गया था.
इन कृषि मशीनों को ले सकते हैं किराए पर
राज्य की 2927 प्राथमिक कृषि कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी (Primary Agricultural Cooperative Credit Society) में स्थापित ‘कृषि संयंत्र बैंक’ से किसान सीधे खेती करने के लिए थ्रेसर, ट्रैक्टर आदि कई बड़ी कृषि मशीनों को किराए पर ले सकते हैं.
इसके लिए कुल कितना बजट है
हर कृषि संयंत्र बैंक (Agricultural Plant Bank) के लिए 15 लाख रूपए का बजट तय किया गया है. पैक्स द्वारा किसानों को 50 फीसद राशि लोन के रूप में प्रदान की जाएगी और बची हुई 50 फीसद राशि प्रोत्साहन के रूप में मिलेगी. जिसमें 15 लाख में साढ़े 7 लाख रुपए का अनुदान (Subsidy) होगा. बाकी कर्ज (Loan) होगा. जोकि किसान को 5 साल में 10 किश्तों में चुकाना होगा.
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