देश- विदेश में मोटे अनाज अब डिमांड में आ गए हैं. यहां तक कि अब शहरों में मिलेट्स कैफे तक खुल रहे हैं. सेहत को स्वस्थ रखने के लिए लोग मिलेट्स कैफे का ज्यादा उपयोग भी कर रहे हैं. ऐसे में मोटे अनाज की मांग बढ़ने पर केंद्र सरकार कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है साथ ही मिलेट्स का उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य सरकारें किसानों को तकनीकी और आर्थिक मदद देने का काम कर रही हैं, कई राज्यों में मिलेट मिशन की तर्ज पर कृषि इनपुट्स पर अनुदान दिया जा रहा है तो कहीं किसानों को ट्रेनिंग और मिलेट प्रसंस्करण से जोड़ रहे हैं.
इसी कड़ी में किसानों के हित में मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य मिलेट मिशन योजना को मंजूरी दी है. जिसके तहत श्री अन्न की खेती को प्राथमिकता से बढ़ावा देने, बीज, कार्यशाला, ट्रेनिंग और मिलेट के प्रचार-प्रसार के लिए किसानों को अनुदान मिलेगा. सरकार ने 23 करोड़ 25 लाख रुपये के बजट का प्रावधान किया है, आएये जानते हैं मध्यप्रदेश सरकार किस तरह से लाभ दे रही है.
किसानों को 80 फीसदी सब्सिडी
किसानों की मदद के लिए राज्यों की सरकार आगे आ रही हैं. ताकि खेती की लागत को कम करके किसानों के लिए खेती-किसानी आसान की जाए. आर्थिक और तकनीकी सहयोग मिलने पर किसान खुद आगे आकर नवाचारों से जुड़ें, इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य मिलेट मिशन के तहत किसानों को मिलेट यानी मोटे अनाज की खेती के लिए बीज आदि इनपुट्स पर 80 फीसदी तक अनुदान किसान ले सकते हैं.
सरकार की योजना को लेकर आधिकारिक घोषणा करते हुए मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाकों में लंबे समय से मोटे अनाजों की खेती की जा रही है लेकिन अब समस्त राज्य के किसानों को मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन से जोड़ा जाएगा, योजना से किसानों को जोड़ने और मोटा अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लक्ष्य की ओर प्रोत्साहित करते हुए किसानों को 80% अनुदान सरकार देगी.
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सेहत को लाभ,किसानों की आय बाढ़
वहीं मीडिया से बातचीत के दौरान मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि श्री अन्न में सेहत के लिए आवश्यक पोषक तत्व जैसे- आयरन, कैल्शियम, फाइबर आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. साथ ही इसमें वसा की बेहद कम मात्रा होती है, जिससे सेहत स्वस्थ रहती है. ये मोटे अनाज हार्ट से लेकर डायबिटीज मरीजों के लिए सुरक्षित माने जाते हैं.
सभी जानते हैं कि कोरोना महामारी के बाद लोग अपने स्वास्थ्य के लिए कितना जागरूक हो रहे हैं ऐसे में किसानों के लिए यह एक अच्छा अवसर है. मोटे अनाज का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के साथ किसान अपनी आय को भी दोगुना कर सकते हैं.
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