भारतीय व्यंजन को देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बहुत ही ज्यादा पसंद किया जा रहा है. ऐसे में कुछ साल पहले राजस्थान सरकार ने प्रदेश में भायी इंदिरा रसोई की थाली (Indira Rasoi Thali) को शुरु किया था जिसे अभी भी लोगों का भरपूर प्यार भी मिला है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह थाली राज्य के सभी नगर निकायों में चलाई जाती है.
लोगों को खूब भा रही यह थाली
राजस्थान की इंदिरा रसोई (Indira Rasoi) गरीब एवं जरूरतमंदो का पेट भरने के साथ-साथ अब देशी-विदेशी सैलानियों को भी रास आ रही है और वे इस थाली में परोसे जाने वाले भोजन के स्वाद, पौष्टिकता और गुणवत्ता की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. इस रसोई को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि ‘कोई भूखा ना सोए’ इस संकल्प के साथ इंदिरा रसोई योजना को शुरू किया गया.
8 रुपये में भरपेट भोजन
इंदिरा रसोई योजना (Indira Rasoi Yojana) के तहत केवल 8 रुपये में भरपेट पौष्टिक भोजन हर एक नागरिक को मिलता है. मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य में अब तक 13 करोड़ 4 लाख से ज्यादा थालियां परोसी जा चुकी हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत साल 2020 अगस्त महीने में की गई, जिस समय इस योजना को तैयार किया गया उस दौरान प्रदेश के सभी नगरीय निकाय में 358 रसोइयों को इस योजना के लिए बनाया गया. प्रदेश में रसोइयों की बढ़ती लोकप्रियता के कारण इनकी संख्या को बढ़ाया गया और वहीं अब शहरी क्षेत्र में 992 रसोइयों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है.
पोषण और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
इंदिरा रसोई में भोजन की गुणवत्ता का खासतौर पर ध्यान रखा जाता है. ताकि सभी लोगों को उचित मात्रा में संतुलित आहार मिल सके. इस कार्य के लिए हर एक भोजन की थाली में 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती और अचार को सम्मिलित किया गया है, जो ग्राहकों को परोसी जाती है.
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रसोई की गुणवत्ता का पता चलने के लिए मुख्यमंत्री समय-समय पर इनका दौरा करते हैं. ये ही नहीं कई बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस रसोई की थाली का सेवन भी किया है.
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