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Agricultural Equipment Subsidy: हिमाचल प्रदेश सरकार ने किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों की सुविधा प्रदान करने और पहाड़ी खेती के मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए "राज्य कृषि यंत्रीकरण कार्यक्रम" शुरू किया है. यह योजना वर्ष 2018-19 में लागू की गई थी और इसे लगातार वित्तीय वर्ष 2025-26 तक बढ़ाया गया है. इस योजना के तहत किसानों को चारा कटर, मक्का शेलर, गेहूं थ्रेशर, स्प्रेयर, ब्रश कटर, टूलकिट, हल, सीड बिन और वाटर टब जैसे कृषि उपकरण 40-50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराए जाते हैं.
सरकार ने इस योजना के लिए 2023-24 में 10.00 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था और अब इसे आगे भी जारी रखा गया है.
राज्य कृषि यंत्रीकरण कार्यक्रम क्या है?
हिमाचल प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहां के किसानों को खेती में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इन कठिनाइयों को दूर करने और कृषि को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने "राज्य कृषि यंत्रीकरण कार्यक्रम" शुरू किया. इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि यंत्रों की सुविधा प्रदान करना और उनके श्रम व समय की बचत करना है.
इस योजना के तहत, सरकार किसानों को अनुदान पर विभिन्न कृषि यंत्र उपलब्ध कराती है, जिससे वे अपनी उत्पादकता बढ़ा सकें और खेती को अधिक लाभदायक बना सकें.
किन उपकरणों पर मिलता है अनुदान?
इस योजना के तहत किसानों को विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों पर 40-50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है. इनमें शामिल हैं:-
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चारा कटर
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मक्का शेलर
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गेहूं थ्रेशर
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स्प्रेयर
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ब्रश कटर
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टूलकिट
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एस.एस. हल, एम.एस. हल
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सीड बिन
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वाटर टब
योजना का लाभ कैसे उठाएं?
यदि आप एक किसान हैं और इस योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:
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ऑनलाइन आवेदन: योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को आधिकारिक पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.
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आवश्यक दस्तावेज: आवेदन पत्र के साथ भूमि प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक और कृषि यंत्र की खरीद से संबंधित दस्तावेज जमा करने होंगे.
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स्वीकृति प्रक्रिया: संबंधित कृषि विभाग द्वारा आवेदन की जांच की जाएगी और योग्य किसानों को अनुदान प्रदान किया जाएगा.
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यंत्रों की खरीद: स्वीकृति मिलने के बाद किसान अधिकृत विक्रेता से सब्सिडी दर पर यंत्र खरीद सकते हैं.
योजना के लाभ
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मशीनीकरण को बढ़ावा: किसानों को उन्नत कृषि उपकरण मिलते हैं, जिससे खेती में लगने वाला समय और श्रम कम हो जाता है.
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उत्पादकता में वृद्धि: आधुनिक यंत्रों के उपयोग से फसल उत्पादन में सुधार होता है और कृषि कार्य अधिक कुशल हो जाते हैं.
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लागत में कमी: सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के कारण किसानों को कम लागत में उन्नत कृषि यंत्र प्राप्त होते हैं.
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कृषि क्षेत्र में विकास: यह योजना राज्य में कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.
राज्य कृषि यंत्रीकरण कार्यक्रम" हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए एक बेहतरीन योजना है, जो खेती को आधुनिक और उन्नत बनाने में मदद कर रही है. यदि आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करें और अपने कृषि कार्यों को सरल और लाभकारी बनाएं.
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