केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रही है की उनके किसान भाइयों को किसी तरह की कोई समस्या ना हो. आपको बता दें मौसम की मार झेल रहे किसानों के तरफ कई राज्य सरकार ने अपना हाथ बढ़ाया है.
किसानों के आय की बात करें तो फसल जब तक मंडी में ना पहुँच जाए तब तक किसानों को कोई मुनाफ़ा नहीं होता. ऐसे में अगर फसल ज़मीन पर ही ख़राब हो जाए तो मंडी तक पहुँचने का सवाल ही पैदा नहीं होता. इस बार देश के किसानों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ.
मॉनसून के कहर से परेशान किसानों ने हिम्मत हरनी शुरू कर दी थी, लेकिन तभी सरकार ने उन्हें सँभालते हुए उनकी मदद करने आगे आए. ऐसे में बिहार सरकार ने किसानों के हित में सोचते हुए नीतीश कुमार ने किसानों को राहत देने के लिए बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने फैसला लिया है कि कृषि इनपुट अनुदान (agricultural input grant) योजना के तहत खरीफ 2021 में आई बाढ़/अतिवृष्टि (flood/extreme rain) के कारण प्रभावित किसानों को फसल की क्षति के लिए अनुदान दिए जाएंगे.
जिससे किसानों को हुए नुक्सान की मार अकेले न झेलनी पड़े. आपको बता दें इस योजना के तहत 30 जिलों के 265 प्रखंडों के प्रभावित 3229 पंचायतों में फसल क्षति एवं जल जमाव के कारण परती रह गयी है, ऐसे में 17 जिलों के 149 प्रखंडों के प्रभावित 2131 पंचायतों के किसानों को फसल क्षति की भरपाई हेतु कृषि इनपुट अनुदान का लाभ देने का फैसला किया गया है.
ऐसे करें आवेदन
ऐसे में प्रभावित पंचायतों के किसान कृषि इनपुट अनुदान का लाभ लेने के लिए 5 से 20 नवम्बर तक कृषि विभाग, बिहार सरकार की वेबसाइट पर लॉगिन कर ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं. ऐसे में सरकार ने सभी जरूरतमंद किसानों की मदद करने हेतु इस योजना को सुचारु ढंग से चलाने का प्रयास कर रही है.
सरकार ने हजारों किसानों के राहत देते हुए अनुदान के लिए आवेदन करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में किसान 15 दिन में ऑनलाइन आवेदन कर के इसका फायदा उठा सकते हैं. इसको लेकर राज्य के कृषिमंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि इस अनुदान योजना के तहत किसानों को उनके इलाके में बारिश और बाढ़ की सरकारी रिपोर्ट के आधार पर फायदा मिलेगा.
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सरकार की तरफ से मिलने वाली मदद को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस बाढ़ और ज्यादा बारीश से हुई फसल क्षति के लिए वर्षाश्रित (असिंचित) rainfed (non-irrigated) फसल क्षेत्र के लिए 6,800 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित क्षेत्र irrigated area के लिए 13,500 रुपये प्रति हेक्टेयर तथा शाश्वत फसल (गन्ना सहित) Perpetual crop (including sugarcane)के लिए 18,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से कृषि इनपुट अनुदान मिलेगा.
वहीं इस साल में राज्य के 30 जिलों में पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, भभुआ, गया, जहानाबाद, सारण, सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, सीतामढ़ी, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर, शेखपुरा, लखीसराय, खगड़िया, भागलपुर, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णियाँ, अररिया तथा कटिहार सहित 265 प्रखंडों के 3229 पंचायतों के किसानों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है.
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