
भारत में आज भी ऐसे विधार्थी हैं जिनको शिक्षा लेने के लिए आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसी के चलते सरकार ने छात्रों को बड़ी राहत दी है और “प्रधान मंत्री विद्यालक्ष्मी योजना” की शुरुआत की है. दरअसल, शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से शुरू की गई “प्रधान मंत्री विद्यालक्ष्मी योजना” का मकसद है कि कोई भी प्रतिभाशाली छात्र पैसों की कमी से अपनी पढ़ाई अधूरी न छोड़े. इस योजना के तहत छात्रों को 10 लाख तक का लोन बिना गारंटी और जमानत-मुक्त मिलेगा.
कई बैंक देंगे विद्यालक्ष्मी योजना की सुविधा
सरकार ने इस योजना में 13 प्रमुख बैंकों को जोड़ा है, जिनकी ओर से कुल 126 तरह के अलग-अलग लोन विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं. जिनमें स्टेट बैंक (SBI), केनरा बैंक, आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं. हालांकि, सभी की ब्याज दरें अलग-अलग हैं. इसका सीधा फायदा यह है कि छात्रों को एक ही ऑनलाइन पोर्टल पर अलग-अलग बैंकों के लोन स्कीम की तुलना करने और अपनी ज़रूरत के अनुसार सही विकल्प चुनने की सुविधा मिलती है. इससे उन्हें बार-बार बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते और पूरी प्रक्रिया सरल हो जाती है.
क्या है योजना की खासियत?
यह योजना छात्रों को जमानत-मुक्त और गारंटर-मुक्त शिक्षा ऋण उपलब्ध कराती हैं. आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल, सरल और पारदर्शी रखी गई है. इसके तहत 8 लाख तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले छात्रों को शिक्षा ऋण पर 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी दी जाएगी. साथ ही, पढ़ाई पूरी होने तक और नौकरी मिलने से पहले तक छात्रों को किसी किस्त का भुगतान नहीं करना होगा.
कौन होगा पात्र?
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आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए.
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प्रवेश केवल योग्यता के आधार पर होना चाहिए, न कि प्रबंधन कोटा या किसी अन्य कोटे के तहत.
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छात्र को भारत के 902 चिन्हित गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थानों में से किसी एक में प्रवेश लेना होगा.
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आवेदक की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख तक होनी चाहिए, तभी उसे 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी का लाभ मिलेगा.
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छात्र किसी अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज सब्सिडी योजना का लाभ नहीं ले रहा होना चाहिए.
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शिक्षा बीच में छोड़ने या अनुशासनहीनता की स्थिति में योजना का लाभ समाप्त हो जाएगा.
योजना के लाभ
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बिना गारंटी और बिना जमानत के शिक्षा ऋण.
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इस योजना में 7.5 लाख तक के ऋण पर 75 प्रतिशत तक क्रेडिट गारंटी.
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और वहीं 10 लाख तक के ऋण पर 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी 8 लाख तक आय वाले परिवारों के छात्रों के लिए.
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अगर छात्र पढ़ाई के दौरान ब्याज चुका देता है तो 1 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज छूट मिलेगी.
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कोर्स और अधिस्थगन अवधि के बाद 15 साल तक का आसान पुनर्भुगतान.
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ब्याज सब्सिडी की राशि सीधे (CBDC Wallet) में आएगी और वहीं से ऋण खाते में ट्रांसफर होगी.
किन संस्थानों के छात्र होंगे पात्र?
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शिक्षा मंत्रालय की नवीनतम NIRF रैंकिंग में शीर्ष 100 स्थान पाने वाले HEIs.
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राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अधीन NIRF सूची में शीर्ष 200 HEIs.
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केंद्र सरकार के अधीन सभी उच्च शिक्षा संस्थान.
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विदेशी विश्वविद्यालयों या उनके भारतीय कैंपस इस योजना के तहत शामिल नहीं होंगे.
आवेदन प्रक्रिया
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सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट https://pmvidyalaxmi.co.in पर जाकर छात्र को आधार से पंजीकरण करना होगा.
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पंजीकरण के बाद छात्र लॉगिन कर ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर सकता है.
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सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे.
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छात्र अपनी पसंद का बैंक और शाखा चुन सकता है.
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आवेदन सबमिट करने के बाद उसकी स्थिति पोर्टल पर ट्रैक की जा सकती है.
किन दस्तावेजों की जरूरत होगी?
आधार कार्ड, पैन कार्ड, पते का प्रमाण, पिछली पढ़ाई की मार्कशीट, प्रवेश परीक्षा का परिणाम, संस्थान का प्रवेश पत्र, और आय प्रमाण पत्र आवश्यक होंगे.
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