खेती से किसानों की आय दुरुस्त हो, इसके लिए केंद्र सहित राज्य सरकारें आए दिन कोई नई योजना के तहत आर्थिक मदद की घोषणा करती रहती हैं. फसल लगाने से लेकर खेती से संबंधित तमाम मशीनों को खरीदने के लिए सरकार अनुदान देती है. कुछ ही समय बाद देश में लोकसभा चुनाव होंगे. ऐसे में केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारें भी अन्नदाता को खुश करने में जुट गईं हैं. इस वक्त, हरियाणा सरकार ने मूंग और ढैंचा की खेती करने वाले किसानों को बड़ी सब्सिडी देने का ऐलान किया है. कहा जा रहा है कि राज्य सरकार उन खेती पर ज्यादा फोकस कर रही है, जिनमें पानी की खपत बहुत कम है. हरियाणा सरकार की इस घोषणा से किसानों को बहुत फायदा मिलेगा. वह कम लागत में मूंग व ढैंचा का पैदावार कर अच्छी कमाई करने में कामयाब होंगे. तो, आइए सरकार की इस नई सब्सिडी व इन खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों पर एक नजर डालें.
हरियाणा में पानी की समस्या
हरियाणा में पानी की भारी समस्या है. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि राज्य में 1900 से अधिक गांव गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं. उनके लिए पानी के साथ खेती सबसे बड़ी चुनौती है. वहीं, धान की फसल में पानी का इस्तेमाल ज्यादा होता है. ऐसे में हरियाणा सरकार उन खेती पर अत्यधिक ध्यान दे रही है, जिनमें पानी की खपत बेहद कम है. जल संकट पर ध्यान देते हुए सरकार ने मूंग की खेती करने वाले किसानों को बंपर सब्सिडी देने का ऐलान किया है. मूंग का बीज खरीदने के लिए सरकार किसानों को 75 प्रतिशत का अनुदान देने जा रही है. हालांकि, ये सब्सिडी केवल तीन एकड़ जमीन में मूंग की खेती करने वाले किसानों को दी जाएगी. इस खेती के लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है. जल-जमाव की स्थिति में इसके पौधों के नष्ट होने की संभावना रहती है. खेत में बीज रोपने के 60 से 70 दिन बाद मूंग पैदावार के लिए तैयार हो जाते हैं. थोक बाजार में मूंग की कीमत लगभग चार से छह हजार रुपये प्रति क्विंटल होती है. ऐसे में सरकार की ये सब्सिडी किसानों को मालामाल बना सकती है.
ढैंचा पर हरियाणा सरकार की सब्सिडी
इसके आलाव, हरियाणा सरकार ने ढैंचा के बीज खरीदने पर किसानों को 80 प्रतिशत का अनुदान देने का ऐलान किया है. ये सब्सिडी उन किसानों को मिलेगी, जो 10 एकड़ जमीन में ढैंचा की खेती करेंगे. सब्सिडी पाने के लिए किसान 24 अप्रैल तक हरियाणा सरकार के आधिकारिक वेबसाईट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. बीज रोपण के बाद ढैंचा को तैयार होने में करीब 4-5 महीने का समय लगता है. एक एकड़ खेत में करीब 25 टन ढैंचा की पैदावार होती है. वहीं, बाजार में ये 40-42 रुपये प्रति किलो बिकता है. ऐसे में सरकार की इस सब्सिडी से किसान बढ़िया मुनाफा हासिल कर सकते हैं.
Share your comments