यूपी के दो और जिलों (अमेठी और देवरिया) को अगले वित्तीय वर्ष (2020-21) से हरित क्रांति योजना (बीजीआरईआई) के तहत चावल और गेहूं उत्पादक जिलों की सूची में शामिल किया गया है. इससे पहले इन जिलों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) योजना की सुविधाएं ही मिलती थीं. यह जानकारी कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने दी. दरअसल उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि देवरिया में केंद्र सरकार की ग्रीन रिव्योल्यूशन इन ईस्टर्न इंडिया (बीजीआरईआई) योजना के तहत किसानों को जल्द ही मुफ्त बोरिंग एवं अनाज भंडारण गोदाम बनाने की सुविधा उपलब्ध करायेगी.उन्होंने कहा कि देवरिया में केंद्र सरकार की बीजीआरईआई योजना के तहत किसानों को जल्द ही मुफ्त बोरिंग एवं अनाज भंडारण गोदाम बनाने की सुविधा उपलब्ध कराया जायेगा.
उन्होंने कहा कि किसान सरकार द्वारा चलायी गयी योजनाओं के साथ अपने आप को जोड़े तथा कृषि के नवीनतम तकनीकों को अपनायें, जिससे उत्पादन के साथ कृषकों का आय भी बढ़ेगी.उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिये सरकार ने कई योजनाये शुरू की है. शाही ने कहा कि देश में पहली बार 80 प्रतिशत के अनुदान पर कृषि यंत्र दिये जाने की व्यवस्था बनायी गयी है.किसान इसका लाभ किसान उठायें.प्रदेश के देवरिया जिले को आगामी वित्तीय वर्ष 2020-21 से बीजीआरईआई योजना के तहत चावल एवं गेहूं के लिये शामिल कर लिया गया है. इससे पूर्व देवरिया जिले को एनएफएसएम योजना की सुविधायें मिल रही हैं. उन्होने बताया कि बीजीआरईआई योजना के तहत पूर्व में प्रदेश के 14 जिले शामिल थे. आगामी वित्तीय वर्ष से बढ़कर 16 हो जायेंगे.गेंहू एवं चावल दोनों का उत्पादन करने वाले जिलों की संख्या पांच से बढ़कर सात हो जायेगी.
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अब इन जिलों के किसानों को 12 हजार रूपये तक की मुफ्त बोरिंग की सुविधा अनुमन्य होगी.साथ ही किसानों को एक हजार मीट्रीक टन तक के अनाज के भण्डारण के लिये गोदाम बनाने की सुविधा भी मिलेगी, जिससे वे खाद्यान्न का स्वयं भण्डारण कर सके. देवरिया के किसानों को स्थल विशेष क्रियाकलाप के तहत मिनी राईस मिल, आल टाईप आफ क्लीनर कम ग्रेडर, ग्रेडिएन्ट सेपरेटर, स्पेसिफिक ग्रेविटी सेपरेटर फूडग्रेन, पानी लाने के लिये पाइप, स्ट्रा रीपर, रीपर कम्बाइन्डर के लिये प्रदेश सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जायेगा.
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