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Fish Farming: तालाब खुदवाने पर किसानों को मिलेगी 90% तक की सहायता, जानें आवेदन प्रक्रिया

Fish Farming: सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PM Matsya Sampada Yojana) के तहत तालाब खुदवाने पर सामान्य किसानों को 50% तक, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के किसानों को 70% तक और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के किसानों को 90% तक अनुदान देने का प्रावधान किया गया है.

KJ Staff
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fish farming pond
तालाब में मछली पालन, फोटो साभार: कृषि जागरण

Fish Farming:  सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है. इसी कड़ी में बिहार सरकार ने गोपालगंज जिले में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PM Matsya Sampada Yojana) के तहत एक नई पहल की है. इस योजना के तहत नए तालाब खुदवाने वाले किसानों को सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा. सामान्य किसानों को 50% तक अनुदान मिलेगा, जबकि अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के किसानों को 70% तक की सहायता दी जाएगी. इसके अलावा, अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के किसानों को सरकार द्वारा 90% तक अनुदान देने का प्रावधान किया गया है.

मत्स्य विभाग के अनुसार, अधिकतम दो हेक्टेयर तक तालाब खुदवाने पर किसानों को 7 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसके तहत इच्छुक किसानों को मत्स्य विभाग में आवेदन करना होगा. आवेदन की जांच के बाद विभागीय अधिकारी मौके पर जाकर भूमि का निरीक्षण करेंगे. यदि सब कुछ सही पाया जाता है, तो चयनित किसानों को अनुदान राशि देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. यह योजना किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिससे वे मत्स्य पालन के माध्यम से अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं. ऐसे में आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं-

एससी-एसटी वर्ग के किसानों को मिलेगा 70% तक अनुदान

राज्य सरकार मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को विशेष लाभ दे रही है. इस योजना के तहत, यदि कोई एससी या एसटी किसान नया तालाब खुदवाता है, तो उसे सरकार की ओर से 70% तक अनुदान मिलेगा. इसके अलावा, मत्स्य विभाग ऐसे किसानों को मत्स्य पालन का प्रशिक्षण देने के लिए अन्य राज्यों में भी भेजेगा, ताकि वे इस क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों और सफल रणनीतियों को सीख सकें.

मछली पालन के लिए लीज पर मिलेगी जमीन

इस योजना का लाभ उन किसानों को भी मिलेगा, जिनके पास अपनी जमीन नहीं है. जो किसान तालाब खुदवाने के लिए भूमि खरीदने में सक्षम नहीं हैं, वे लीज पर जमीन लेकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसके लिए कम से कम नौ वर्षों का लीज एग्रीमेंट जरूरी होगा. इस प्रावधान से आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को भी मछली पालन करने का अवसर मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.

आवेदन प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज

  • इच्छुक किसानों को जिला मत्स्य विभाग  में आवेदन देना होगा.

  • आवेदन के साथ जमीन के कागजात की छायाप्रति जमा करनी होगी.

  • अधिकतम दो हेक्टेयर में तालाब बनाने के लिए अनुदान मिलेगा.

  • सामान्य वर्ग के किसानों को 7 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी.

  • एससी-एसटी वर्ग के किसानों को 70% और अति पिछड़े वर्ग के किसानों को 90% तक अनुदान मिलेगा.

  • जिला मत्स्य विभाग भूमि का निरीक्षण करने के बाद स्वीकृति देगा.

  • इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है.

  • इस योजना में लाभार्थियों की संख्या पर कोई सीमा नहीं है.

  • किसान ऑनलाइन इस लिंक से भी आवेदन कर सकते हैं.

सरकार की यह योजना क्यों है महत्वपूर्ण?

बिहार के गोपालगंज जिले में मछली पालन एक प्रमुख व्यवसाय बनता जा रहा है. इस जिले में आठ नदियां बहती हैं, जिससे मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध हैं. सरकार द्वारा दिए जाने वाले अनुदान से किसानों को इस व्यवसाय में कदम रखने और अपनी आमदनी बढ़ाने का बेहतरीन अवसर मिलेगा. यह योजना मत्स्य उद्योग को सशक्त बनाने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें

English Summary: fish farmers will get up to 90 percent assistance on digging ponds for fish farming Published on: 21 February 2025, 11:09 IST

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