किसान अब सीधा विदेशों को निर्यात करेंगे लीची, सरकार से मिलेगी सहायता
लीची किसानों के लिए बिहार सरकार ने एक प्रोजेक्ट के माध्यम से लीची को सीधे विदेशों में भेज कर मोटा मुनाफा कमाने के रास्ते खोल दिए हैं. इस प्रोजेक्ट के माध्यम से किसानों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी प्राप्त होगी.
भारत में लीची का नाम आते ही हम बिहार और उत्तराखंड को याद करने लगते हैं और करें भी क्यों न, देश को सबसे ज्यादा लीची उत्पादन देने वाले यही दो राज्य हैं. भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों ही उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को हर संभव मदद मुहैया कराने की कोशिश करती रहती हैं. बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला देश में सबसे ज्यादा लीची उत्पादित करने वाला जिला है. सरकार अब यहां के लीची उत्पादित करने वाले किसानों के लिए एक नई सुविधा को शुरू करने जा रही है.
क्यों ख़ास है यह योजना
किसानों को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाने के लिए सरकार इस बार बिहार के मुजफ्फरपुर में होने वाली लीची को सीधे विदेशों में बेचने के लिए किसानों की मदद करेगी. जिससे किसान अपनी लीची को विदेशों में बेच कर मोटा मुनाफा कमा सकें. इसके लिए सरकार ने मुजफ्फरपुर में लीची को सुरक्षित रखने के लिए चार अलग-अलग प्रखंडों में कुल छः शीतगृह बनवाये हैं. जिसमें किसान उत्पादित लीची का भंडारण कर सकेगें. इसके साथ ही सरकार ने छह पैक हाउस भी बनवाए हैं. जिनमें प्रतिदिन लीची की पैकिंग करके उसे विदेशों के लिए निर्यात किया जायेगा.
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50 प्रतिशत तक मिलेगी सब्सिडी
लीची को उत्पादित करने के लिए किसानों को हर तरह की मदद देने की कोशिश की जा रही है. जिससे किसानों को इसके उत्पादन में किसी भी तरह की कोई समस्या उत्पन्न न हो. भारत में आयत निर्यात बैंक के द्वारा इन किसानों को कई नए तरह के उपकरण, सिंचाई के लिए अच्छे प्रबंध के साथ-साथ उनको 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जा रही है. किसानों को इस सब्सिडी से प्राप्त होने वाली राशि को लीची के उत्पादन के लिए ही प्रयोग में लाना होगा.
यह प्रोजेक्ट किसानों के लिए बिहार सरकार ने बिहार बागवानी प्रोजेक्ट की तरफ से लॉन्च किया है. इसकी सहायता से किसानों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी के साथ में अन्य कई तरह की सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं.
अभी जिले के चार प्रखंडों में शीतगृहों और पैकिंग भण्डारण को स्थापित किया गया है. लेकिन सरकार आवश्यकता पड़ने पर इन्हें बढ़ाने को लेकर विचार कर रही है.
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