देश के किसान भाइयों की आर्थिक मदद व उनकी आय में वृद्धि करने के लिए सरकार की सरकारी योजनाओं से उनकी पूरी सहायता की जाती है. भारत सरकार ने किसानों के लिए ऐसी कई बेहतरीन योजनाएं भी तैयार की हुई हैं, जिसमें किसान शामिल होकर कई तरह के लाभ उठा रहे हैं.
इसी क्रम में राज्य सरकार भी अपने-अपने स्तर पर केंद्र सरकार की योजनाओं (Central Government Schemes) को बढ़ावा देती है. जिसके चलते हाल ही में यूपी सरकार ने किसानों के लिए कीट/रोग, खरपतवार नियंत्रण योजना (Pest/Disease, Weed Control Scheme) लागू की है, जिसके लिए सरकार ने लगभग 19257.75 लाख रुपए तक का बजट तैयार किया है. राज्य में इस योजना को केवल 5 साल के लिए ही लागू किया जाएगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देशभर में ज्यादातर किसानों को आर्थिक नुकसान अपनी फसल की सुरक्षा को लेकर उठाना पड़ता है, क्योंकि देश में ऐसे कई राज्य हैं. जहां पर किसानों की फसल सुरक्षित नहीं हैं. उनके लिए किसी भी तरह की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध नहीं करवाई गई है, जिससे वह लंबे समय तक अपनी फसल को रख सकें. जिसके कारण वह अपनी फसल का सही तरीके से लाभ प्राप्त नहीं कर पाते हैं. इसी के चलते यूपी सरकार ने राज्य के किसानों की फसल को सुरक्षित रखने के लिए इस योजना को लागू किया है. इसमें न केवल कृषि यंत्रों के लिए सब्सिडी मिलेगी, बल्कि फसल सुरक्षित रखने के लिए भी सब्सिडी दी जाएगी और साथ ही इसमें उन्हें कई तरह के अन्य ओर भी लाभ की सुविधा प्राप्त होगी. तो आइए इस लेख की मदद से कीट/रोग, खरपतवार नियंत्रण योजना के बारे में जानते हैं.
कीट/रोग, खरपतवार नियंत्रण योजना में कई लाभ (Many benefits in pest/disease, weed control scheme)
राज्य सरकार की इस योजना में किसानों को रासायनिक दवाओं एवं स्प्रेयर (Chemicals & Sprayers) पर तकरीबन 50 प्रतिशत की सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. इस योजना के लिए सरकार ने एक प्रस्ताव भी जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि फसलों में सालाना खरपतवार की वजह से 15 से 20 फीसदी क्षति, फसली रोगों से 26 प्रतिशत तक नुकसान और वहीं फसल में लगभग 20 प्रतिशत नुकसान कीटों की वजह से देखने को मिलता है. ये ही नहीं कई बार तो किसानों को उचित भंडारण नहीं मिलने के कारण भी लगभग 7 प्रतिशत तक नुकसान का सामना करना पड़ता है. इन सब परेशानियों से निपटने के लिए सरकार ने आने वाले पांच सालों में इसे कम करने के लिए इस योजना को तैयार किया है.
इसके लिए सरकार ने कहा कि इस योजना में 5 साल के अंदर 192.57 करोड़ रुपए तक खर्च किया जाएगा, जिससे किसानों की फसल को नुकसान (crop damage) से सरलता से बचाया जा सके.
नैपसेक स्प्रेयर, पावर स्प्रेयर कृषि यंत्रों पर सब्सिडी (Subsidy on knapsack sprayer, power sprayer agricultural machinery)
इस योजना के अंतर्गत गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को नैपसेक स्प्रेयर, पावर स्प्रेयर कृषि यंत्रों (Knapsack Sprayer, Power Sprayer Agricultural Machinery) के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा. इसके अलावा किसानों को साल 2022-23 में किसानों को 1.95 लाख हेक्टेयर भूमि क्षेत्रफल के लिए भी अनुदान पर कृषि रक्षा रसायन उपलब्ध कराने की सुविधा मिलेगी. जिसके तहत किसानों के लिए सरकार साल 2022-23 में लगभग 6,000 कृषि रक्षा यंत्र उपलब्ध कराएगी.
इसके अलावा इस योजना में किसानों को पर्यावरण संरक्षण व विषरहित खाद्यान्न उत्पादन (food production) के लिए बायोपेस्टीसाइडस और बायोएजेन्ट्स पर भी 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी. इस योजना का किसानों को सही तरीके से लाभ प्राप्त हो सके. इसके लिए कृषि विभाग (Agriculture Department) ने राज्य में 9 आई.पी.एम. प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई है. इन प्रयोगशालाओं में बायोपेस्टीसाइड्स जैसे ट्राइकोडरमा, ब्यूवेरिया वैसियाना, एन.पी.वी. एवं बायोएजेंट्स जैसे ट्राइकोग्रामा कार्ड का उत्पादन पर जोर दिया जाएगा.
सरकार की इस योजना में किसानों को फसल सुरक्षित (crop safe) रखने के लिए भी भंडार गृह के साधनों पर सब्सिडी मिलेगी. जिसमें किसानों को दो, तीन व पांच क्विंटल भंडार के साधन पर 50 प्रतिशत मदद मिलेगी. जिसमें राज्य के 41 लाख 42 हजार किसान को लाभ दिया जाएगा.
बखारियों (टंकी) पर भी मिलेगी सब्सिडी (Subsidy will also be available on Bakharis (tanks))
उत्तर प्रदेश सरकार की इस योजना में किसानों को 2, 3 एवं 5 क्विंटल क्षमता की बखारियों (टंकी) का वितरण करने के लिए भी 50 प्रतिशत तक सब्सिडी की सुविधा दी जाएगी.
एक जानकारी से पता चला है कि अन्न को सुरक्षित रखने के लिए इस तरीके में सबसे अधिक सफलता प्राप्त हुई है. जिसके चलते सरकार साल 2022-23 में किसानों को 10,000 बखारियों को देने का लक्ष्य रखा है.
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