देश के किसानों की मदद के लिए सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी रहती है. जिससे किसानों की आर्थिक रूप से मदद हो सके. इसके लिए राज्य सरकार अपने-अपने स्तर पर कई बेहतरीन योजनाएं भी बनाती रहती है. इन्हीं में से एक फसल विविधीकरण योजना (Crop Diversification Scheme) है. जिसमें किसानों को आर्थिक रुप से मदद दी जाती है.
दरअसल, हरियाणा सरकार फसल विविधीकरण योजना के तहत किसानों को लाभ पहुंचा रही है. इस योजना के तहत अब दलहन-तिलहन की फसलों (pulses and oilseeds crops) को बढ़ावा दिया जाएगा. फिलहाल के लिए हरियाणा सरकार दक्षिण हरियाणा के सात जिलों भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, हिसार व नूंह में इस योजना का लाभ दे रही है.
आपको बता दें कि सरकार किसानों को बाजरा की बुवाई (sowing of millet) छोड़ने पर करीब 4 हजार रुपए प्रति एकड़ वित्तीय सहायता (financial help) देगी. इस योजना के तहत जिलों में लगभग 1 एकड़ क्षेत्र में दलहन व तिलहन फसलों की बुवाई करने का लक्ष्य तय किया है.
किन-किन फसलों पर मिलेगी राशि (Which crops will get the amount)
किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा का कहना है कि केंद्र सरकार की तरफ से तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की हैं. जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है. बता दें कि इस योजना के अंतर्गत दलहन फसलों में मूंग, अरहर व उड़द, तिलहन फसलों में अरंड, मूंगफली व तिल आदि को शामिल किया गया है.
किसानों को मिल रही आधुनिक तकनीक की जानकारी
राज्य के कई जिलों में विभाग के द्वारा दलहन व तिलहन फसल क्षेत्र को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है और साथ ही विभाग की तरफ से किसान भाइयों को फसलों की नई किस्में व आधुनिक तकनीक की विस्तार से जानकारी दी जा रही है. तिलहन फसल को बढ़ावा देने का मुख्य कारण सरकार का यह है कि किसान अगर अपने खेत में तिलहन फसलों को उगाता है, तो इसे देशभर में खाद्य तेल की कमी को सरलता से पूरा किया जा सकता है.
ऐसे करें योजना के लिए पंजीकरण (How to register for the scheme)
अगर आप भी तिलहन फसल के लिए सरकार की फसल विविधीकरण योजना से लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा. आपके फॉर्म के सत्यापन के बाद योजना की राशि आपके खाते में डिजिटलकरण के माध्यम से ट्रांसफर कर दी जाएगी.
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