देश के उत्तराखण्ड राज्य के किसानों के लिए एक बड़ी खबर है. हाल ही में रिपोर्ट्स के ज़रिए इस बात की जानकारी मिली है कि राज्य में किसानों के लिए कुल ऋण क्षमता बढ़ा दी गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि लगभग 24,656 करोड़ रुपये तक यह राशि हो सकती है. आपको बता दें कि इस बात की जानकरी नाबार्ड (NABARD) की तरफ से आयोजित किए गए स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2020-21 (state credit seminar) में दी गयी. इन्हीं रिपोर्ट्स से यह भी पता लगा है कि लगभग 11,802 करोड़ रुपये कृषि ऋण (farmer's loan) के लिए दिया जा सकता है. नाबार्ड के स्टेट क्रेडिट सेमिनार में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पहाड़ों पर की जाने वाली खेती को कठिन बताया और साथ ही खेती के लिए सिंचाई की सुविधा पर ज़ोर देने की बात भी कही.
ध्यान केंद्रित करना होगा. उन्होंने सिंचाई के लिए पानी की समस्या को दूर करने के लिए जलाशय तैयार करने की बात भी कही. उनका कहना है कि जैविक उत्पादों के सर्टिफ़िकेशन की व्यवस्था भी किसानों को अच्छा लाभ दे सकती है और इससे उनकी आय में भी बेहतर सुधार आ सकता है.
किसानों को मिलेगा पांच लाख तक का कृषि ऋण
राज्य के मुख्यमंत्री ने बताया कि जलाशयों के निर्माण के लिए नाबार्ड को कदम उठाने की ज़रूरत है जिससे पैसों की व्यवस्था की जा सके. किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना बहुत ज़रूरी है. आपको बता दें कि कृषि ऋण के तहत व्यक्तिगत रूप से एक लाख तक का ऋण दिया जाएगा. इसके साथ ही समूह को 5 लाख तक का कृषि ऋण दिया जाएगा. ख़ास बात यह है कि यह ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जाएगा.
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