भारत कृषि प्रधान देश है. ऐसे में यहाँ की लगभग 65-70 प्रतिशत आबादी कृषि कार्य पर निर्भर है, लेकिन फिर भी अगर कृषि व्यवस्था पर नजर डालें, तो हालात काफी खराब नजर आते हैं. अगर इस पर चर्चा की जाए, तो कुछ बिन्दुओं की ओर ज्यादा ध्यान जाता है.
-
क्या कमी सरकार की ओर से है?
-
क्या जनता में जागरूकता की कमी है?
-
या फिर सरकार द्वारा चलाई गयी योजनाओं का लाभ किसानों तक नहीं पहुँच पा रहा?
आज हम चर्चा करेंगे इन तमाम विषयों पर और पता लगाने की कोशिश करेंगे कि आखिर वो क्या वजह है, जिसके चलते भारत की कृषि व्यवस्था अन्य देशों के मुकाबले पीछे है,क्योंकि ये हमारे लिए सोचने का विषय है. जिस देश की अर्थव्यवस्था कृषि और कृषि कार्य पर निर्भर हो उसका खराब होना सरकार, आम जनता और ख़ास कर किसानों के लिए बड़ी मुसीबत की बात है.
बजट में किसानों के लिए लाखों रुपए खर्च किये जानते हैं. सरकार द्वारा पैसे आवंटित किये जाते हैं, लेकिन फिर भी किसानों के आर्थिक हालातों में कोई खासा सुधार देखने को नहीं मिलता है.
इस समस्या का समाधान अगर कुछ है तो वो है किसानों के बीच सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को लेकर जागरूकता फैलाना. ताकि वो सरकारी योजना का लाभ उठा सके. साथ ही सरकार को भी यह ध्यान रखने की जरुरत है कि वो समय-समय पर जांच आयोग द्वारा योजनाओं की जानकारी लेते रहें. तो ऐसे में आज हम बात करेंगे सरकार द्वारा चलाई लाभकारी योजनाओं के बारे में, जिससे किसान भाइयों को सबसे अधिक मुनाफा मिल सकता है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna)
यह योजना 18 फरवरी, 2016 को शुरु की गयी थी. अक्सर ये देखा गया है कि किसानों की तैयार फसल आंधी, ओलावृष्टी और तेज बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण नष्ट हो जाती हैं. जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में इस योजना के अंतर्गत बुआई के पहले से और फसल की कटाई के बाद तक के लिए बीमा सुरक्षा मिलती है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Scheme)
इस योजना की शुरुआत वर्ष 2018 के रबी सीजन में की गई थी. इस स्कीम के अंतर्गत किसान को 6,000 रुपए प्रति वर्ष तीन किस्तों में प्राप्त होते है और यह सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में आती है.जिससे किसानों की आर्थिक मदद सरकार द्वारा की जाती है.
किसान क्रेडिट कार्ड योजना (Kisan Credit Card Scheme)
किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत भारत सरकार द्वारा वर्ष 1998 में की गयी थी. किसानों को इस कार्ड की सहायता से पर्याप्त ऋण (लोन) बहुत ही आसानी से मिल जाता है. वहीँ जिससे किसान कृषि से सम्बंधित खाद– बीज, कीटनाशक आदि सामग्री खरीद सकते है. सबसे खास बात यह है कि इस कार्ड से 5 वर्षों में 3 लाख तक का लोन ले सकते है. नये अपडेट के मुताबिक़, अब किसान इस क्रेडिट कार्ड का फसल का बीमा भी करवा सकते हैं.
डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस) (Dairy Entrepreneurship Development Scheme)
हमारे देश के लगभग किसान पशुपालन अवश्य करते है. ऐसे में सरकार का मानना है कि यदि यही कार्य एक बड़े पैमाने पर किया जाए, तो अच्छी मात्र में दुग्ध उत्पादन किया जा सकता है और किसान भाई अपनी आय बढ़ा सकते है. इस योजना के माध्यम से किसान को अनुदान दिये जाने का प्रावधान किया गया है, इसके साथ ही किसान भाई प्रशिक्षण भी ले सकते है.
पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojna)
भारत के ग्रामीण क्षेत्रो में बिजली की समस्या अभी भी गंभीर है. ऐसे में कृषि कार्य करने में किसानों को अक्सर परेशानियाँ होती रहती है. जब किसानों के खेत को पानी की आवश्यकता होती है, तो उन्हें समय से बिजली नहीं मिल पाती है. पानी के अभाव में उनकी फसलें प्रभावित हो जाती हैं.
किसान भाइयों को निर्बाध बिजली उपलब्ध करानें के उद्देश्य से सरकार की तरफ से पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Scheme) चलाई जा रही है. इस स्कीम के अंतर्गत किसानों को सोलर पैनल सब्सिडी पर मिलते हैं, जिससे वह बिजली का उत्पादन कर अपनी आवश्यकता के अनुसार उसका प्रयोग करने के बाद बाकी को बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं.
Share your comments