दिल्ली सरकार ने मध्याह्न भोजन योजना के तहत बड़ा फैसला सुनाया है. दरअसल प्रदेश की सरकार ने बच्चों को छह महीनों तक स्कलों में राशन देने का निर्णय किया है. इस बारे में सीएम केजरीवाल ने मंडावली क्षेत्र के एक कार्यक्रम में कहा कि ‘‘जब स्कूल बंद थे, तो बाकि राज्य परेशान थे कि बच्चों को शिक्षा किस प्रकार दिया जाए. लेकिन दिल्ली सरकार ने अच्छा काम करते हुए बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था की.”
घर में मिलेगा पढ़ाई का वातावरण
अपनी सरकार की सफलताओं के बारे में बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि “लॉकडाउन के समय जब बच्चों का स्कूलों में आना संभव नहीं था, तो हमने मध्याह्न भोजन का पैसा उनके अभिभावकों को भेजना शुरू कर दिया, जिससे घर में ही बिना भोजन के अभाव में बच्चे पढ़ाई करते रहे. अब नए साल से दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों को अगले छह महीनों तक सूखा राशन फ्री मिलता रहेगा. घर में ही बच्चों को पढ़ाई का वातावरण मिलता रहे, इसके लिए दिल्ली सरकार हर संभव कदम उठाएगी.”
राजधानी में फिलहाल नहीं खुलेंगें स्कूल
दिल्ली में कोरोना केसों का हवाला देते हुए केजरीवाल ने कहा कि 15 अक्टूबर से कुछ राज्यों में आंशिक रूप से स्कूल खोले गए हैं, लेकिन राजधानी में कोरोना की समस्या विकराल है, इसलिए इस वायरस का टीका आने तक स्कूलों को नहीं खोला जाएगा.
गांव-गांव तक पहुंचेगी ई-लर्निंग
इस बारे में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि “फिलहाल बच्चों का घर में रहना ही अधिक फायदेमंद है, उनकी सेहत सभी के लिए महत्व रखती है. स्कलों के साथ संपर्क कर इस बात पर काम किया जा रहा है कि कैसे ई लर्निंग को गांव-गांव तक पहुंचाया जाए.”
भोजन में क्या होगा
दिल्ली में बच्चों को अगले छह माह तक ऐसा भोजन मिलेगा जो उनकी मानसिक सेहत के साथ-साथ शारारिक सेहत के विकास के लिए भी फायदेमंद होगा. इस बारे में फिलहाल योजना बनाई जा रही है कि सूखे भोजन के रूप में किस-किस तरह के खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाए.
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