बिहार सरकार ने फसल सहायता योजना में अब सब्जी को भी शामिल कर लिया है. इसके माध्यम से सब्जी की फसल का नुकसान होने पर किसानों को आर्थिक मदद की जाएगी. सब्जी एक नकदी फसल होती है. किसान अनाज के बजाय सब्जियों की खेती करना पसंद करते हैं क्योंकि इससे उन्हें सीधा लाभ मिलता है. वहीं अनाज की बिक्री के लिए उनको बिचौलियों का रुख करना पड़ता है, जिस कारण वह सब्जियों की खेती को वरीयता देते हैं.
मुआवजे की राशि
राज्य सरकार सब्जी की खेती करने वाले किसानों की सुरक्षा के लिए सहायता राशि देने की योजना बनाई है. यदि किसानों की फसल 20 प्रतिशत से कम खराब होती है तो उन्हें सरकार द्वारा प्रति एकड़ 7500 रुपए दिए जाएंगे और यदि यह नुकसान 20 प्रतिशत से ज्यादा होता है तो उन्हे 10 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा.
यह योजना रैयत और गैर रैयत दोनों तरह के किसान के लिए है. रैयत किसान, यानी जिसके पास खुद की जमीन हो और गैर रैयत यानी जिनके पास खुद की जमीन न हो, वह पट्टे, लीज या फिर बटाई पर सब्जी की खेती करते हैं.
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपको निम्न दस्तावेजों की जरुरत होगी.
किसान का आधार कार्ड
कृषक पंजीकरण पत्र / संख्या
बैंक पासबुक
किसान का मोबाइल नंबर
स्वघोषणा पत्र
एलपीसी या राजस्व रसीद
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इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को सब्जी की फसल में हुए नुकसान के मुआवजे के लिए ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करना होगा. आप बिहार राज्य फसल सहायता योजना की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर खुद का रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और फिर वहां पर पूछी गई सभी जानकारियों को भर दें. इस दौरान यह ध्यान रखें कि अपनी नुकसान की सही भरपाई के लिए जानकारियां सही से भरे. सरकार द्वारा जानकारी को सत्यापित करने के बाद मुआवजे की राशि सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.
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