देश के अन्नदाता की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार समय-समय पर कई योजनाएं लागू करती है. ऐसे में उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में भी एक योजना चलाई जा रही है. इस योजना का नाम सब मिशन आन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन (स्मैम) है. इसके तहत किसान समूह बनाकर कृषि उपकरणों (Agricultural Equipment) की खरीद कर सकते हैं. खास बात यह है कि इस योजना के तहत कृषि यंत्रों की खरीद करने पर कृषि विभाग द्वारा 80 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है. फिलहाल, इस योजना का लाभ लगभग 58 किसान समूह उठा रहे हैं. कृषि विभाग लगातार प्रयास कर रहा है कि अधिक से अधिक किसानों को इस योजना से जोड़ा सके. इसके लिए फार्म मशीनरी बैंक (Farm Machinery Bank) बनाकर दोहरा लाभ उठाने के लिए प्ररित भी किया जा रहा है.
क्या है स्मैम योजना
इस योजना के तहत 8 से 10 किसान मिलकर एक समूह बनाते हैं, जिसका उन्हें कापरेटिव सोसायटी में पंजीकरण कराना होता है. पंजीकृत समूह 10 लाख रुपए तक के कृषि उपकरणों (Agricultural Equipment) की खरीद के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. इसके लिए कृषि विभाग से संपर्क करना होगा. जब आवेदन स्वीकृत कर लिया जाएगा, तब पंजीकृत समूह पावर टीलर, पावर वीडर, थ्रेसर समेत अन्य कृषि उपकरणों (Agricultural Equipment) की खरीद कर सकता है.
स्मैम योजना में शामिल हैं ये कृषि उपकरण
इस योजना के तहत किसानों को 10 पावर वीडर, 10 स्प्रेयर, 3 ब्रश कटर आदि उपकरण प्रदान किए जाते हैं.
कृषि उपकरणों की खरीद पर अनुदान
कृषि विभाग खरीदे गए कृषि उपकरणों (Agricultural Equipment) की जांच करेगा. इसके बाद अनुदान प्रदान करता है. इस योजना में किसानों को अधिकतम 80 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है. कृषि उपकरण मिलने के बाद किसान इनका स्वयं उपयोग करने के साथ फार्म मशीनरी बैंक (Farm Machinery Bank) बनाकर भी कर सकते हैं. इसके तहत वह उपकरणों को किराए पर भी दे सकता है.
600 किसानों को मिला योजना का लाभ
कृषि विभाग का कहना है कि स्मैम योजना के तहत जिले के लगभग 58 किसान समूह कृषि यंत्रों की खरीद कर चुके हैं. इन समूहों में लगभग 600 किसान शामिल हैं. इनमें से 28 किसान समूह काफी बेहतर काम कर रहे हैं. बता दें कि कृषि उपकरणों की खरीद के बाद किसान समय-समय पर समूहों का सत्यापन करता है. इसके साथ ही उन्हें उपकरणों के रखरखाव की जानकारी भी दी देता है. इससे किसानों को लाभ मिलता है.
किसानों के लिए लाभकारी है योजना
इस योजना के माध्यम से किसानों की आमदनी दोगुनी हो सकती है, क्योंकि किसान फार्म मशीनरी बैंक बनाकर खरीदे गए कृषि उपकरणों को किराए पर देकर दोहरा लाभ कमा सकते हैं. इन उपकरणों की मदद से किसान वैज्ञानिक खेती भी कर सकते हैं. इनसे फसल की उपज भी बढ़ती है.
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